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मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से पहले…क्यों पहनाएं जाते है शव को नए वस्त्र, अंतिम विदाई से जुड़ी कैसी है ये मान्यता, जानें पूरा सच!

Wear New Clothes To A Dead Body: मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से पहले क्यों पहनाएं जाते है शव को नए वस्त्र

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Wear New Clothes To A Dead Body: भारत में जन्म से लेकर मृत्यु तक, हर अवसर पर कुछ खास परंपराओं का पालन किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण परंपरा है, अंतिम संस्कार से पहले मृतक को नए कपड़े पहनाना। यह सिर्फ एक रीति नहीं, बल्कि भावनात्मक, सामाजिक, और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी एक गहन परंपरा है। भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा इस विषय में गहन जानकारी प्रदान करते हैं।


नए कपड़े पहनाने का महत्व

मृत व्यक्ति को नए कपड़े पहनाना उनके सम्मान और गरिमामय विदाई से जुड़ा हुआ है। जिस तरह हम किसी खास अवसर पर खुद को अच्छे वस्त्रों से सजाते हैं, वैसे ही मृत्यु के बाद आत्मा को भी एक नई यात्रा के लिए तैयार करना आवश्यक माना जाता है।

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Wear New Clothes To A Dead Body: मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से पहले क्यों पहनाएं जाते है शव को नए वस्त्र

  1. सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक: नए कपड़े मृतक को सम्मान देने का एक तरीका हैं। यह दर्शाता है कि परिवार और समाज उस व्यक्ति के प्रति गहरी श्रद्धा और आदर रखते हैं।
  2. आत्मा की शांति और विदाई की तैयारी: नए वस्त्र आत्मा को शांति प्रदान करने और उसकी यात्रा को निर्बाध बनाने का प्रतीक हैं। यह मान्यता है कि अच्छे वस्त्रों में आत्मा अपने अगले लोक की यात्रा सुगमता से करती है।

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धार्मिक दृष्टिकोण

हिंदू धर्म में मृत्यु और आत्मा से जुड़े कई पहलुओं की व्याख्या गरुड़ पुराण में की गई है। इस पुराण में आत्मा की यात्रा और उसे शुद्ध बनाए रखने के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

  1. आत्मा की पवित्रता: गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा को स्वच्छ और पवित्र रहना चाहिए क्योंकि उसे कई लोकों से होकर गुजरना होता है। मृतक को नहलाकर और नए कपड़े पहनाकर इस पवित्रता को सुनिश्चित किया जाता है।
  2. शरीर की अशुद्धि का निवारण: धार्मिक मान्यता के अनुसार, मृत्यु के समय शरीर अशुद्ध हो जाता है। इसलिए उसे साफ करना और नए वस्त्र पहनाना आत्मा की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  3. सफेद वस्त्र का महत्व: सफेद रंग को शांति और शोक का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण से अधिकांश स्थानों पर मृतक को सफेद वस्त्र पहनाए जाते हैं, जो आत्मा की शांति और शुद्धता को दर्शाते हैं।

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भावनात्मक और सामाजिक दृष्टिकोण

मृत्यु के समय परिवारजन की यह इच्छा होती है कि उनकी प्रियजन की विदाई गरिमा और आदर के साथ हो।

  1. आखिरी श्रद्धांजलि: मृतक को नए कपड़े पहनाने का भाव यह दर्शाता है कि भले ही वह व्यक्ति अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी यादें और सम्मान हमारे दिलों में सदा बने रहेंगे।
  2. व्यक्तिगत पसंद का ध्यान: कुछ परिवार मृतक की पसंद के कपड़े पहनाते हैं। यह उनके प्रति एक आखिरी श्रद्धांजलि होती है और उनके जीवन को संजोने का एक तरीका।
  3. सामाजिक संदेश: इस परंपरा के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि जीवन का अंत भी उतना ही पवित्र और गरिमामय होना चाहिए जितना उसका आरंभ।

मृतक को नए कपड़े पहनाने की परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार और समाज की भावनाओं का भी प्रतीक है। यह प्रथा आत्मा की शुद्धता, गरिमा, और विदाई की पवित्रता को दर्शाती है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जो जीवन के हर पहलू को आदर और सम्मान से जोड़ती है।

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