धर्म

ऐसी क्या खासियत थी द्रौपदी में जो उसके शरीर से निकलती थी मादक सुगंध…और रानियों को क्यों नहीं मिला था ये वरदान?

India News (इंडिया न्यूज), Draupadi Se Madak Sugandh Ka Raj: द्रौपदी, महाभारत की अद्वितीय और प्रेरणादायक महिला पात्रों में से एक थीं, जिनका जन्म स्वयं एक यज्ञ कुंड से हुआ था। यह असाधारण घटना उनके दिव्य और अलौकिक होने का प्रतीक है, और उन्हें “अग्निसुता” यानी अग्नि से उत्पन्न कहा जाता है। उनका असली नाम याज्ञसेनी था, जो उनके पिता राजा द्रुपद द्वारा किए गए यज्ञ से उत्पन्न होने के कारण पड़ा। उन्हें कृष्णा भी कहा जाता था, जो उनके सांवले रंग और दिव्य शक्ति का सूचक था।

मनोहर रूप

द्रौपदी न केवल अपने शारीरिक सौंदर्य के लिए जानी जाती थीं, बल्कि उनकी आत्मिक शक्ति और मानसिक स्थिरता भी उन्हें अनोखा बनाती थी। उनका सौंदर्य इतना अद्वितीय था कि उनका वर्णन करते हुए कहा जाता है कि उनके शरीर से निरंतर एक मादक सुगंध निकलती थी, जो लोगों को उनकी ओर आकर्षित करती थी। उनकी आँखें हिरणी की तरह बड़ी और सुंदर थीं, होंठ पंखुड़ियों की तरह मुलायम, और बाल घने, घुंघराले और काले थे। उनके शरीर से निकलने वाली नीले कमल जैसी सुगंध उनकी दिव्यता और आंतरिक शक्ति को और अधिक उभारती थी।

महाभारत का वो महान योद्धा जो पिता के प्रेम के लिए जीवनभर रह गया कुंवारा…मृत्यु भी मिली दर्दनाक?

पंचकन्या द्रौपदी

द्रौपदी को पंचकन्याओं में से एक माना जाता है, जिन्हें चिर-कुमारी कहा जाता था। यह पंचकन्याएँ अपने जीवनकाल में आदर्श नारी के रूप में जानी जाती थीं और उनके गुणों को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाता है। द्रौपदी की विशेषताओं में यह भी कहा जाता है कि उनके पास ऐसी अलौकिक शक्ति थी जिससे वह अपने कौमार्य को पुनः प्राप्त कर सकती थीं। यह गुण उन्हें अद्वितीय और शक्तिशाली बनाता था, जो उनके आत्म-निर्भर और स्वतंत्र व्यक्तित्व का प्रतीक है।

जिसे बनाना चाहता था अपनी रानी, उन्ही मां सीता को क्यों महल के बजाय अशोक वाटिका में रखता था रावण?

महाभारत में द्रौपदी की भूमिका

महाभारत में द्रौपदी की भूमिका न केवल एक नारी के रूप में महत्वपूर्ण थी, बल्कि उनके साहस, आत्मसम्मान और न्याय की भावना ने उन्हें भारतीय इतिहास की सबसे आदरणीय और प्रेरणादायक महिलाओं में से एक बना दिया। उनका क्रोध भी न्याय और सत्य के लिए था, और जब उन्हें अपमानित किया गया, तो उन्होंने कभी चुप्पी नहीं साधी। उनकी मृदु मांसपेशियां भी युद्ध या क्रोध के समय कठोर हो जाती थीं, जो यह दर्शाता है कि वे मानसिक और शारीरिक रूप से कितनी दृढ़ थीं।

द्रौपदी का जीवन और चरित्र नारी शक्ति, आत्मसम्मान, और सत्य के प्रति अडिग रहने का आदर्श उदाहरण है। उनका जीवन महाभारत की महागाथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उन्होंने भारतीय संस्कृति में नारी की भूमिका को एक नई दिशा दी।

एक मां होकर भी क्यों माता दुर्गा ने अपने ही पुत्र ब्रह्मा को दे दिया था श्राप…आज इसलिए नहीं होता पूजन?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

Recent Posts

BJP camp office bulldozed: योगी राज में BJP कैंप ऑफिस पर ही चल गया बुलडोजर ,नेता बोले- हमें तो अपनों ने लूटा

India News (इंडिया न्यूज), BJP camp office bulldozed: उत्तर प्रदेश में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ…

12 seconds ago

संबंध बढ़ाने वाली खाई दवा.. फिर रात में प्रेमी संग रही प्रेमिका, सुबह शव मिलने से दंग हुए लोग

India News (इंडिया न्यूज)up news: यूपी के कानपुर से एक हैरान कर देने वाली घटना…

7 minutes ago

विनाश काले विपरीत बुद्धि…अब सीधा PM Modi से पंगा ले बैठे Yunus, विजय दिवस पर की ऐसी करतूत, सुनकर खौल जाएगा हर भारतीय का खून

Bangladesh On Vijay Diwas: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने विजय…

10 minutes ago

इन 3 राशियों के पुरुष बनते हैं सबसे बुरे पति, नरक से बदतर बना देते हैं जीवन, छोड़ कर चली जाती है पत्नी!

Zodiac Signs: शादीशुदा जीवन में प्यार और समझदारी का होना बहुत ज़रूरी है। यहां कुछ…

12 minutes ago

Bikaner Boom Blast News: सैन्य अभ्यास के दौरान अचानक बम फटने से हुई दो सैनिकों की मौत…मचा हड़कंप

India News (इंडिया न्यूज), Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर में फील्ड फायरिंग रेंज में तोपखाना…

15 minutes ago