India News (इंडिया न्यूज), Kinnar Prathaye: भारत में किन्नर समुदाय का एक विशिष्ट और सम्मानित स्थान है। इन्हें शादी और बच्चे के जन्म जैसे शुभ अवसरों पर बुलाया जाता है, जहां वे शगुन मांगते हैं और आशीर्वाद देते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके पीछे गहरी धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किन्नरों का संबंध बुध ग्रह से माना गया है। बुध ग्रह नपुंसक ग्रह है और इसका सीधा संबंध तटस्थता और संतुलन से है। यह मान्यता है कि किन्नरों के आशीर्वाद में बुध ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा समाहित होती है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाती है।
Kinnar Prathaye: शादी और बच्चा पर क्यों दिया जाता है किन्नरों को शगुन
किन्नर समुदाय शादी के दौरान दुल्हन और बच्चे के जन्म पर नवजात शिशु को आशीर्वाद देने आते हैं। वे नृत्य, गायन और बधाई गाकर अपने अनोखे तरीके से खुशी प्रकट करते हैं। शगुन के रूप में उन्हें धन या वस्त्र दिया जाता है। यह शगुन न केवल उनका सम्मान करता है, बल्कि यह भी माना जाता है कि उनकी दुआएं व्यक्ति के जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाती हैं।
किन्नरों के आशीर्वाद देने की परंपरा के पीछे भगवान राम की कथा है। जब भगवान राम चौदह वर्षों के वनवास पर जा रहे थे, तब अयोध्या के सभी नागरिक उनके साथ चलने लगे। उन्होंने लोगों से कहा, “पुरुष और स्त्रियां अपने-अपने घर लौट जाएं।” लेकिन किन्नर, जो न पुरुष थे न स्त्री, वहीं खड़े रहे।
जब भगवान राम ने अपना वनवास पूरा कर वापसी की, तो उन्होंने देखा कि किन्नर अभी भी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान राम ने उन्हें वरदान दिया कि वे नई पीढ़ियों को आशीर्वाद देंगे, और लोग उन्हें इसके लिए शगुन देंगे।
किन्नरों के आशीर्वाद को शुभ और फलदायी माना जाता है। यह विश्वास है कि उनके आशीर्वाद से:
किन्नर समुदाय केवल धार्मिक परंपराओं में ही नहीं, बल्कि समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भले ही वे मुख्यधारा के समाज से अलग दिखें, लेकिन उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद को आज भी सम्मान के साथ स्वीकारा जाता है।
किन्नरों का शगुन मांगने और आशीर्वाद देने की परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मानवता और समानता के प्रति हमारी मान्यता को भी दर्शाती है। भगवान राम द्वारा दिया गया वरदान इस परंपरा की नींव है, जो आज भी हमारे जीवन में शुभता और समृद्धि लाने का माध्यम है। किन्नर समुदाय का आशीर्वाद हमारे समाज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है।