धर्म

नास्त्रेदमस द्वारा अक्टूबर को लेकर की गई भविष्यवाणी क्या वाकई होती नज़र आ रही है सच? इस सूर्य ग्रहण से मिल रहे ये भयानक संकेत!

India News (इंडिया न्यूज), Surya Grahan 2024: फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस (Nostradamus) ने कई महत्वपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी की है, जिनमें हिटलर का उदय और जॉन एफ. कैनेडी की हत्या शामिल हैं। अब, उनकी भविष्यवाणियाँ 2024 के लिए भी चर्चा का विषय बन गई हैं, विशेषकर 2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के संदर्भ में।

2024 का सूर्य ग्रहण

2024 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या को होगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 09:13 बजे से शुरू होगा और मध्यरात्रि 03:17 बजे समाप्त होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन यह अर्जेंटीना, प्रशांत महासागर, और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा।

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अशुभ ग्रहण के संकेत

ग्रहणों की धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, जब एक पक्ष में दो ग्रहण लगते हैं, तो यह शुभ नहीं माना जाता। उदाहरण के लिए, महाभारत काल में भी ऐसा ही हुआ था। इसी तरह, 1979 और 2022 में भी दो ग्रहणों के बीच प्राकृतिक आपदाएँ हुई थीं, जैसे मच्छु नदी का डैम टूटना।

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियाँ

नास्त्रेदमस ने 2024 के लिए कई डरावनी भविष्यवाणियाँ की हैं:

  1. आर्थिक संकट: उन्होंने कहा है कि “गेहूं इतना ऊंचा उठेगा कि आदमी एक दूसरे को खा जाएंगे”, जो गंभीर आर्थिक संकट की ओर इशारा करता है।
  2. जलवायु परिवर्तन: नास्त्रेदमस ने इस साल गंभीर जलवायु परिवर्तन की संभावना जताई है, जो हाल के मौसम के असामान्य बदलावों से मेल खाता है।

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निष्कर्ष

2024 का सूर्य ग्रहण न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अशुभ माना जा रहा है, बल्कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों से भी इसकी गंभीरता बढ़ जाती है। हालांकि, इन भविष्यवाणियों की सटीकता और वास्तविकता पर हमेशा सवाल उठते हैं, फिर भी ये हमें सजग रहने और संभावित खतरों का सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं। हमें इस समय का सदुपयोग करना चाहिए और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

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