India News (इंडिया न्यूज), Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप, माँ कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व होता है। उन्हें काली, महाकाली, और शुंभ-निशुंभ संहारिणी भी कहा जाता है। माँ कालरात्रि का रूप बहुत ही उग्र और शक्तिशाली माना जाता है, लेकिन उनकी पूजा से भक्तों को हर प्रकार के भय और संकट से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से पैसों की किल्लत, ग्रह कलेश और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होता है।
माँ कालरात्रि का महत्व
माँ कालरात्रि का काला रूप तमोगुण और भय को समाप्त करने वाला है। वे हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और कष्टों का नाश करती हैं। उनके भक्तों को कभी भी संकटों से घबराने की आवश्यकता नहीं होती। माँ कालरात्रि की उपासना से धन, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
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माँ कालरात्रि का विशेष उपाय: 7 दिनों में समाधान
यदि किसी व्यक्ति को धन संबंधी समस्याएँ, पारिवारिक कलह, या ग्रहों से संबंधित कष्ट हो रहे हों, तो माँ कालरात्रि की उपासना से उन कष्टों का निवारण संभव है। यहाँ एक विशेष उपाय बताया गया है, जो सात दिनों के भीतर सकारात्मक परिणाम दे सकता है:
उपाय:
- नौवीं रात को दीपक जलाएं: माँ कालरात्रि की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं। यह दीपक उनकी कृपा को बढ़ाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए प्रभावशाली होता है। इस दीपक को जलाते समय “ॐ कालरात्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें। इसे सात दिनों तक लगातार करें।
- काले तिल का दान: यदि धन की किल्लत है, तो माँ कालरात्रि के सामने काले तिल चढ़ाएं और इसके बाद गरीबों या ब्राह्मणों को काले तिल का दान करें। इससे आर्थिक संकट दूर होता है।
- सिंदूर और लाल फूल चढ़ाएं: माँ कालरात्रि को लाल फूल और सिंदूर चढ़ाने से ग्रहों से संबंधित कष्ट समाप्त होते हैं। यह उपाय विशेष रूप से शनि ग्रह की शांति के लिए किया जाता है, जो जीवन में बाधाओं और कठिनाइयों का कारण बन सकता है।
- कपूर और लौंग का हवन: माँ कालरात्रि के समक्ष कपूर और लौंग का हवन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और पारिवारिक कलह दूर होती है। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मकता बढ़ती है।
- महाकाली मंत्र का जाप: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। इस मंत्र का सात दिनों तक जाप करने से जीवन में धन, सुख और शांति की वृद्धि होती है।
- माँ कालरात्रि का भोग: माँ कालरात्रि को गुड़ और रोटी का भोग लगाएं। इससे पारिवारिक शांति प्राप्त होती है और धन की समस्या से मुक्ति मिलती है। भोग के बाद इसे गरीबों में बांट दें।
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माँ कालरात्रि की पूजा के लाभ
- धन की समस्याओं से मुक्ति: माँ कालरात्रि की पूजा करने से धन की कमी से संबंधित सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं। माँ की कृपा से व्यक्ति को नए आर्थिक अवसर प्राप्त होते हैं।
- ग्रह दोष निवारण: अगर किसी की कुंडली में शनि, राहु या केतु ग्रहों का दोष हो, तो माँ कालरात्रि की पूजा करने से इन ग्रहों के प्रभाव में शांति आती है।
- परिवार में शांति: माँ कालरात्रि के विशेष उपायों से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और पारिवारिक कलह दूर होता है।
- संकटों का नाश: माँ कालरात्रि की पूजा व्यक्ति को हर प्रकार के संकटों और भयों से मुक्ति दिलाती है।
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निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन माँ कालरात्रि की पूजा करने का विशेष महत्व है। यदि जीवन में पैसों की तंगी, ग्रह कलेश या किसी भी प्रकार के संकट का सामना करना पड़ रहा हो, तो माँ कालरात्रि के इन उपायों को श्रद्धा से करने पर 7 दिनों के भीतर सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। माँ कालरात्रि की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है, और सभी बाधाओं का अंत होता है।
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