India news(इंडिया न्यूज़),Kuber Maharaj: शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष दिन होता है। इस दिन मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा का भी विधान मिलता था।साथ ही शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ती होती है। अगर आप भी धन के देवता की कृपा पाना चाहते हैं, तो आज पूजा के समय कुबेर देव की आराधना जरूर करें।

कुबेर अमोघ मंत्र

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये

धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ धन के भगवान कुबेर की आराधना करते समय सबसे पहले ओइस मंत्र से उनका अवाहन करना चाहिए।

धन प्राप्ति हेतु कुबेर मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

अगर आप अपने जीवन में धन प्राप्त करना चाहते है, तो आप कुबार भगवान का इस मंत्र के साथ जाप करे।

विश्रवा ऋषि के पुत्र थे कुबेर

पुराणों के अनुसार विश्रवा ऋषि ने भारद्वाज जी की कन्या इलविला से विवाह किया था, तब धन के स्वामी कुबेर जी की उत्पत्ति हुई थी। माना जाता है कि भगवान कुबेर का धन किसी खजाने के रूप एन गड़ा हुआ या स्थिर स्थिति में होता है। साथ ही भगवान कुबेर को उत्तर दिशा का लोकपाल भी माना जाता है। भगवान कुबेर की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

देवताओं के लिए भी पूजनीय है कुबेर

मनुष्यों, गंधर्वों तथा राक्षसों के आलावा देवताओं के लिए भी कुबेर पूजनीय है। कुबेर के पिता विश्रवा तथा माता इडविडा हैं। इनकी सौतेली माता का नाम कैकसी था। कुबेर की पत्नी का नाम श्रद्धा तथा दोनों पुत्रों के नाम ‘नल कुबेर’ व ‘नील ग्रीव’ है। कैलाश पर्वत पर स्थित अलकापुरी इनकी राजधानी है। परंतु सर्वप्रथम इनका मूल निवास त्रिकूट पर्वत स्थित विश्वकर्मा द्वारा निर्मित स्वर्ण नगरी लंका थी। जिसे बाद में उन्होंने अपने सौतेले भाई  रावन को दे दिया था।

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