इंडिया न्यूज, बर्न :
Euthanasia Device Got approved : इच्छा मृत्यु की चाह रखने वालों के लिए बनाई गई एक मशीन को सरकार ने मंजूरी दे दी है। स्विटजरलैंड सरकार ने इच्छा मृत्यु चाहने वालों के लिए स्विटजरलैंड ने ताबूत के आकार की एक मशीन (Euthanasia Device) को कानूनी मंजूरी दे दी है।
इस मशीन के जरिए मात्र एक मिनट में बिना दर्द के मौत की नींद सो सकेंगे। प्राप्त जानकारी से पता चला है कि इस मशीन के अंदर आक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाता है। जिससे इंसान के शरीर में आॅक्सीजन का लेवल एकदम कम हो जाता है। जिससे मशीन में बंद व्यक्ति की एकदम मौत हो जाती है।
इस मशीन को सुसाइड मशीन का नाम भी दिया जा रहा है। इस ताबूत रूपी मशीन को अंदर बैठकर भी चलाया जा सकता है। यह मशीन ऐसे मरीजों के लिए मददगार है जो बीमारी के कारण बोल नहीं पाते हैं या बिस्तर से हिल भी नहीं पाते हैं।
जिस किसी को इच्छा मृत्यु चाहिए होगी वह मशीन को अपनी पसंदीदा जगह पर साथ ले जा सकता है। जिसके बाद सुसाइड मशीन का यूज किया जाने वाल कैप्सूल अलग हो जाएगा। उस कैप्सूल को ताबूत की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मशीन को सारको का नाम दिया गया है।
इस मशीन का इस्तेमाल किए जाने से इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति में हाइपोक्सिया और हाइपोकेनिया की स्थिति पैदा हो जाती है। जिससे कैप्सूल में बंद व्यक्ति के टिश्यू में आक्सीजन कम जाती है और खून में कार्बन डाइआॅक्साइड की कमी से मृत्यु हो जाती है।
इस मशीन को बनाए जाने का विचार डॉक्टर डेथ ने दिया है। डॉक्टर डेथ का असली नाम डॉक्टर फिलीप है। डॉ. फिलीप एनजीओ ‘एक्जिट इंटरनेशनल’ के निदेशक है।
इस मशीन को बनाए जाने के बाद और मंजूरी मिलने के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लोग इस मशीन के प्रयोग के तरीके की आलोचना कर रहे हैं और तरीके को गलत बता रहे हैं।
आलोचना करने वालों के अनुसार यह मशीन गैस चेंबर जैसी है। वर्तमान समय में दो प्रोटो टाइप बनकर तैयार हो गए हैं। अब एक तीसरी मशीन को बनाया जा रहा है। यह अगले साल तक तैयार हो जाएगी।
वैसे तो कई देश इच्छा मृत्यु पर विचार बनाया जा रहा है। स्विटजरलैंड में मदद के साथ आत्महत्या करना कानूनी माना जाता है। भारत सहित कई अन्य देशों में आत्महत्या को गैर कानूनी माना गया है। पिछले साल 1300 लोगों ने इस प्रावधान के तहत आत्महत्या की।
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