Myanmar Army Tortures The People
इंडिया न्यूज, नैप्यीटाव:
म्यांमार में जब से सेना ने तख्तापलट किया है, तभी से वहां की सेना आम नागरिकों पर अत्याचार कर रही है। जो भी नागरिक सेना के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है तो उसकी आवाज दबाने के लिए उसे बुरी तरह से पीटा जाता है। इतना ही नहीं, म्यांमार में सेना ने युवाओं और कम उम्र के युवाओं समेत हजारों लोगों को अगवा भी किया हुआ है। इनमें से कई के शवों और घायलों का इस्तेमाल लोगों में भय पैदा करने के लिए किया जा रहा है।
सेना के निर्दयीपन की कई घटनाएं सामने आ रही हैं।म्यांमार की सेना ने इसी साल फरवरी में तख्तापलट किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक तब से लेकर अब तक 1,200 से अधिक लोगों की हत्या की गई है। इनमें से 150 से ज्यादा लोगों की निर्मम हत्या की गई है।
सेना द्वारा ढहाए जा रहे जुल्मों की कई घटनाएं अब सार्वजनिक हो रही है। बताया गया है कि इनमें 31 वर्षीय भिक्षु को गोली मारी गई, क्योंकि वो सेना की पकड़ से भाग रहा था। इसके बाद उसे राइफलों से पीटा गया। सुरक्षा बलों ने उनके सिर, छाती और पीठ में लात मारी।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शन के दौरान 21 साल के कलाकार को पकड़कर बुरी तरह पीटा। उसे तब तक पीटते रहे जब तक कि वह अचेत नहीं हो गया। जब उसे होश आया तो उसने एक सैनिक को कहते सुना कि वह 3 लड़कों को मौत के घाट उतार चुका है।
वहीं एक भिक्षु को मेंढक की तरह रिगड़ने पर मजबूर किया गया। एक कलाकार को सिर पर तबतक मारा गया जबतक वह बेहोश नहीं हो गया। इसके अलावा एक लेखा अधिकारी को बेहोश होने तक बिजली के झटके देते रहे। एक अन्य व्यक्ति को ऐसे बंदीगृह में रखा गया जहां शौचालय ही नहीं था। मजबूर होकर, उसी कमरे के एक कोने में पेशाब करना पड़ता था, जहां उन्हें रखा गया था।
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