Turkey In FATF Gray List
पाकिस्तान पर मंडराया ब्लैक लिस्टिेड होने का खतरा
इंडिया न्यूज, अंकारा:
आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान का एफएटीएफ की काली सूची में जाने का समय नजदीक आ रहा है। क्योंकि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अब पाक समेत उसके मददगार तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। ऐसे में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं। क्योंकि पाकिस्तान को काली सूची में जाने से बचाने के लिए कम से कम 3 देशों के वोट की आवश्यकता होती है। इनमें से एक एक वोट का अधिकार ग्रे लिस्ट में जाने से खो चुका है।
एफएटीएफ की साल में 3 बार बैठक होती है। तीसरी और आखिरी बैठक इस माह हो चुकी है। अगली बैठक 2022 में मार्च-अप्रैल में होगी। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का गठन 1989 में फ्रांस में किया गया था।
यह संस्था मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखते हुए, आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने का काम करती हैं। ऐसे में इमरान सरकार का ब्लैक लिस्ट में जाना तय माना जा रहा है। क्योंकि अभी तक पाक सरकार का साथ चीन, मंगोलिया समेत तुर्की देते रहे हैं। ऐसे में अब जब वित्तीय संगठन ने पाक के सहयोगी देश तुर्की को भी उसी लिस्ट में डाल दिया है तो पाकिस्तान सरकार के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। अब पाक समेत तुर्की को भी न तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कोई आर्थिक सहायता मिलने वाली है और न ही विश्व बैंक या यूरोपीय संघ से कोई देश इनकी आर्थिक मदद करने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार एफएटीएफ के प्रमुख डॉ मार्क्स प्लीयर ने बताया कि पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल करने का निर्णय सभी की सहमति से लिया गया है। इमरान खान विदेशों से सहायता प्राप्त करने के लिए धार्मिक कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि पाक प्रधानमंत्री ने मदीना राज्य की तर्ज पर इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने की बात कही है। अब मुस्लिम देश पाकिस्तान को रियासत-ए-मदीना के नाम पर दान दे सकते हैं।