US-China Relations दोनों देशों के प्रमुखों के बीच बैठक के दौरान सामने आए मतभेद
इंडिया न्यूज, वाशिंगटन:
US-China Relations विश्व की दो आर्थिक महाशक्तियों के प्रमुख मंगलवार को एक दूसरे से मिले। इस बैठक पर पूरे विश्व की नजर थी। बहुप्रतीक्षित बैठक में ताइवान की आजादी, रणनीतिक, व्यापक महत्व और पारस्परिक हितों को लेकर गहन चर्चा हुई। बैठक में ताइवान का मुद्दा हावी रहा।
बाइडेन ने शी जिनपिंग से कहा कि ताइवान पर किसी भी तरह की जबरदस्ती का अमेरिका मजबूती से विरोध करेगा। वहीं, चीन ने जवाब में अमेरिका को चेतावनी दी कि ताइवान की आजादी की बात करना आग से खेलने के बराबर है, जो इस आग से खेलेगा वो जल जाएगा।
तीन घंटे से भी ज्यादा वक्त तक दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान चीनी राष्टÑपति ने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की सामाजिक व्यवस्था और विकास पथ, मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने और एक-दूसरे के विकास के अधिकार का सम्मान करने की आवश्यकता है।
दूसरा, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व। कोई संघर्ष और टकराव की रेखा दोनों देशों को पार नही करनी है। तीसरा है सहयोग। दोनों देशों के व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से विकसित होने के लिए दुनिया काफी बड़ी है।
बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने प्रेस रिलीज जारी किया और कहा कि अमेरिका वन चाइना पॉलिसी को लेकर प्रतिबद्ध है। वन चाइना पॉलिसी को मानने वाले देश इसे स्वीकार करते हैं कि ताइवान चीन का हिस्सा है। पिछले महीने बाइडेन ने कहा था कि चीन अगर ताइवान पर हमला करेगा तो अमेरिका ताइवान के बचाव के लिए आगे आएगा।
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