Career in Biomedical Engineering
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग यानी बीएमई यांत्रिकी की एक उभरती हुई शाखा है। इसमें ऐसे उपकरणों का डिजाइन और निर्माण करते हैं, जो यांत्रिकी और क्लीनिकल लिहाज से उपयोगी हों, जिसमें क्लिनिकल कम्प्यूटर्स, कृत्रिम हृदय, कॉन्टैक्ट लैंस, व्हील चेयर आदि शामिल हैं।
मेडिकल क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन डिजिटल मशीनरी की सहायता से मरीजों के इलाज से लेकर जांच करना काफी आसान होता है। जिसके कारण डॉक्टर्स किसी भी बीमारी का इलाज सही तरीके से कर पाते है बल्कि उनके समय की भी बचत होती है। परन्तु इन उपकरणों का इस्तेमाल करने से पहले इनकी सही तरीके से जाँच करना भी एक कठिन कार्य होता है। ह्यूमन बॉडी के किर्या कलापो और इन उपकरणों का प्रभाव समझना कोई आसान कार्य नहीं है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग को अगर हम आसान भाषा में कहे तो बायो इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ऐसी शाखा है जिसमे मेडिकल ऐप्लिकेशंस, विभिन्न इलाजो या डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी के विकास और रिसर्च के लिए इंजीनियरिंग सिद्धांतों की मदद ली जाती है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के मुख्य उद्देश्य मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और जीवन की जटिलताओं को समझना होता है ताकि जांच और चिकित्सा को बेहतर बनाया जा सके।
बायोमेडिकल इंजीनियर का मुख्य कार्य मेडिकल संबंधी उपकरणों की देखभाल करना होता है, ताकि मरीजों के इलाज के समय उपकरणों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।
देश में जिस तरह नए-नए अस्पताल खुल रहे हैं और मेडिकल टूरिज्म की अवधारणा आकार ले रही है, उससे बायो-मेडिकल इंजीनियर की मांग बढ रही है। भारत चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय हब बन रहा है, उससे इसके पेशेवरों की जरूरत भी महसूस की जा रही है। बायोमेडिकल इंजीनियर के लिए जॉब के अवसर चिकित्सा उपकरण निर्माण, आथोर्पेडिक एवं री-हैब इंजीनियरिंग, मॉलिक्यूलर, सेल्लुलर एवं टिश्यू इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हैं। वे कॉरपोरेट सेक्टर में भी कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। प्रोस्थेटिक्स, कृत्रिम अंग, लिंब्स, हिप्स और अन्य अंग बनाने वाली कंपनियों में अच्छे रोजगार मिल जाते हैं। प्रयोगशालाओं का पर्यवेक्षण करने व मशीनों के व्यवस्थापन में बीएमई काम आते हैं। वे वरिष्ठ शोधकतार्ओं के साथ जुडकर भी काम कर सकते हैं। बीपीएल, लार्सन ऐंड टूब्रो, विप्रो मेडिकल और सीमंस जैसी कंपनियां इन्हें योग्यता के आधार पर अपने आर एंड डी, सेल्स व मार्केटिंग विभाग में जगह देती हैं।
आईआईटी, मुंबई
एम्स, नई दिल्ली
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
जेबी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग, हैदराबाद
जादवपुर यूनिवर्सिटी
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