India News (इंडिया न्यूज), Bihar Engineering College Fees: कई बार एक अच्छा होनहार छात्र भी घर की आर्थिक स्थिति के चलते आगे पढ़ाई नही पता है इतना ही नही कई बार वो अपने मन पसंद का विषय में भी सिर्फ इसीलिए आगे पढाई जारी नही रख पाता क्योंकि घर की फाइंनेशियल कंडीशन अच्छी नही होती। लेकिन देश को कई IAS और IPS देने वाले भारत के बिहार राज्य में उच्च शिक्षा को किफायती बनाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया गया है । अब राज्य में बीटेक की पढ़ाई सिर्फ 10 रुपये प्रति माह और पॉलिटेक्निक की पढ़ाई 5 रुपये प्रति महीने में कराई जा रही है। बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित सिंह ने यह बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में लेटरल एंट्री के जरिए भी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दाखिला की व्यवस्था की गई है।
गौरतलब है कि बिहार के सभी जिलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई है, जहां छात्रों को महीने में मात्र 10 रुपये देने होते हैं। इस फीस को सिर्फ टोकन मनी के रूप में छात्रों से लिया जा रहा है। गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के फीस स्ट्रक्चर के अनुसार, छात्रों से नामांकन फीस के रूप में केवल 10 रुपये हर साल लिया जाता है। इसके अलावा छात्रों से ट्यूशन फीस भी 120 रुपये सालाना यानी हर महीने 10 रुपये लिए जा रहे हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन, परीक्षा शुल्क, और विकास शुल्क जैसी अन्य फीस भी देनी पड़ती है। इसके अलावा, हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को हॉस्टल और मेस का चार्ज अलग से देना होता है।
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1.छात्रों के रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा- कॉलेज में छात्रों के रुकने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की गई है जिससे की दूर-दराज से आए हुए छात्रों को पढ़ाई में बाधा ना पहुंचे। हालांकि इसके लिए यूनिवर्सिटी अलग से फीस चार्ज करेगी।
2. छात्रों के लिए कॉलेज में खाने की भी सुविधा- कॉलेज में छात्रों के लिए अच्छे खाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए भी छात्रों को अलग से फीस देनी होगी।
वही मुजफ्फरपुर के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में पहले सेमेस्टर की एडमिशन फीस केवल 5 रुपये है। इसके अलावा, ट्यूशन फीस 60 रुपये प्रति साल, डेवलपमेंट फीस 1000 रुपये, रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपए, और परीक्षा शुल्क 1000 रुपये मिलाकर कुल 2865 रुपये जमा करने होते हैं। दूसरे सेमेस्टर में सिर्फ परीक्षा शुल्क 1000 रुपये देना होता है, जबकि तीसरे सेमेस्टर से फीस और भी कम हो जाती है।
इतना ही नही बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लेटरल एंट्री से भी प्रवेश की सुविधा दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में लेटरल एंट्री के जरिए 3,733 छात्रों ने प्रवेश लिया, जिनमें से 2,572 ने बीटेक और 1,161 ने पॉलिटेक्निक में एडमिशन लिया। बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (BCECE) इस प्रक्रिया के लिए परीक्षा आयोजित करती है।
आपको बता दें कि लेटरल एंट्री (Lateral Entry) एक ऐसी प्रवेश प्रक्रिया है जिसके जरिए छात्रों को सीधे बीटेक या पॉलिटेक्निक कोर्स के दूसरे या तीसरे वर्ष में दाखिला मिलता है, बिना पहले साल की पढ़ाई किए। यह सुविधा उन छात्रों के लिए होती है जिन्होंने पहले से किसी संबंधित डिप्लोमा कोर्स या समकक्ष कोर्स पूरा किया होता है, जैसे कि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा।
फिलहाल चालू सत्र 2024-25 के लिए बीटेक में 12,280, पॉलिटेक्निक में 13,912, और एमटेक में 386 सीटों पर काउंसलिंग चल रही है। इस पहल से बिहार में तकनीकी शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार सरकार की इस पहले बिहार के लाखों युवाओं को एक नई उम्मीद मिल गई है।
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