India News, (इंडिया न्यूज), Highest Paying Jobs, नई दिल्ली: हर युवा चाहता है कि उसकी पढ़ाई पूरी होते ही उसे लाखों करोड़ों की पैकेज वाली नौकरी मिल जाए. जाहिर सी बात है लाखों की सैलरी के लिए आपका क्वालिफिकेशन भी हाई होना चाहिए.
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कम पढ़े- लिखे लोगों को भी लाखों- करोड़ों की सैलरी वाली नौकरी ऑफर कर रहा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की वहां कोई जाना नहीं चाहता है. चलिए जानता है पूरी कहानी क्या है.
कौन है वह देश
उस देश का नाम जानकर तो आप हैरान रह ही जाएंगे, लोगों की वहां ना जाने की वजह जानेंगे तो और दंग रह जाएंगे. उस देश का नाम है ऑस्ट्रेलिया.
पिछले दो साल से ये देश दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां लोगों को काम करने के लिए एक से बढ़कर एक बढ़िया ऑफर दिए जाते . इसके बावजूद यहां कोई काम नहीं करना चाहता. रिपोर्ट्स की मानें तो अभी कुछ महीने पहले की ही बात है जब ऑस्ट्रेलिया में एक डॉक्टर की जॉब के लिए करोड़ों की सैलरी और फ्री में रहने को घर दिया जा रहा था, लेकिन इस जॉब के लिए उसने ना कह दिया.
लाखों की सैलरी
बहुत से लोगों को लग रहा है कि इसके लिए हाई क्वालिफिकेशन की जरूरत पड़ती होगी. लेकिन ऐसा नहीं है जो लोग कम पढ़े लिखे हैं उन्हे भी लाखों की सैलरी वाली नौकरी दी जा रही है. एजेंसी को मिली जानकारी के अनुसार, यहां खदान में काम करने वाले खनिकों व ऑयल माइनिंग की इंडस्ट्री में भी लाखों की सैलरी मिल रही है. इसके लिए 6 महीने से 12 महीने तक का कॉन्ट्रैक्ट भी होता है, सैलरी यहां भी आराम से 50 से 60 लाख रुपये होती है.
रिपोर्ट में खुलासा
साल 2022 में ऑस्ट्रेलिया की सरकारी कमीशन रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी कि देश में स्किल शॉर्टेज़ काफी ज्यादा बढ़ गई है और ये साल 2021 से ही बढ़ती जा रही. इस कारण इस देश के अंदर हज़ारों नौकरियां खाली पड़ी हैं. यहां के सरकारी अफसर व मंत्री दूसरे देशों में जाकर वहां के लोगों को यहां काम करने का ऑफर दे रही है.
वजह कर देगा हैरान
इस परेशानी से निजात पाने के लिए ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपने इमिग्रेशन पॉलिसी में भी बदलाव कर रही है. ताकि बाहर से लोग इनके देश में आएं. स्किल शॉर्टेज की बड़ी वजह ये है कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने तो लोग आते हैं, लेकिन कोई रहना नहीं चाहता. यह देश खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं है, इसके बावजूद लोग यहां अपना घर नहीं बनाना चाहते है. इसका कारण है यहां की स्ट्रिक्ट बॉर्डर रूल्स और वीज़ा रूल्स, इनकी वजह से लाखों लोगों के वीज़ा एप्लीकेशन लटके रह जाते हैं.
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