India News (इंडिया न्यूज), National Education Day 2023 : हर साल कल यानि 11 नवंबर के दिन को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) रूप में मनाया जाता है। जिसका मकसद है शिक्षा के महत्व के बारे में जन-जागरूकता फैलाना। ये दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर लोग मानते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख में देश के पहले शिक्षा मंत्री से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जो इस तरह हैं।
कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद
साल 1888 में 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आजाद (Abdul Kalam Azad) का जन्म हुआ था। आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, पत्रकार और लेखक के रूप में जाने जाते हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। आजाद को भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। आजाद ने देश की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
पहले शिक्षा मंत्री से जुड़े कुछ खास तथ्य
- भारत के पहले शिक्षा मंत्री का असली नाम ‘अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन’ था।
- लोग जिन्हें बाद में मौलाना आजाद के नाम से जानने लगें।
- उन्होंने ‘आजाद’ को अपने उपनाम के तौर पर अपनाया।
- वह एक पत्रकार भी रह चुके हैं।
- वह छोटी आयु से ही उर्दू भाषा में शायरी लिखते थें।
- साल 1923 में केवल 35 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए थें।
- वह ‘खिलाफत आंदोलन’ (1919-26) के नेता बने थें।
- वह स्वतंत्र भारत का पहले शिक्षा मंत्री बनें।
- उनकी जयंती को भारत वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- उन्हें साल 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
यह भी पढ़ें:-