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नेशनल एजुकेशन रैकिंग जारी, रसातल में जा रहे प्रदेश के विश्वविधायल, टॉप 100 ओवर शिक्षण संस्थानों में हरियाणा कहीं नहीं

इंडिया न्यूज,चंडीगढ़:
केंद्रीय शिक्षा विभाग द्वारा हर साल जारी की जाने वाली नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में हरियाणा के शिक्षण संस्थानों की स्थिति में कुछ खास सुधार आना तो दूर, स्थिति और ज्यादा खराब होती जा रही है। 9 सितंबर को जारी हुई रैंकिंग में प्रदेश के ज्यादातर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट से जो उम्मीदें थी, वो उन पर खरा नहीं उतर सके। आॅल ओवर शिक्षण संस्थानों की लिस्ट में प्रदेश का एक भी इंस्टीट्यूट नहीं है जो गिरते शिक्षा स्तर के बारे में स्पष्ट तौर पर अवगत करवा रहा है। वहीं यूनिवर्सिटी कैटेगरी में बात करें तो पहले 100 में प्रदेश के महज तीन ही इंस्टीट्यूट लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे। इन तीन शिक्षण संस्थानों में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) रोहतक, गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जीजेयूएसटी) हिसार और अशोक यूनिवर्सिटी सोनीपत शामिल हैं। वहीं प्रदेश की सबसे पुरानी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने निराश किया। संस्थान की लगातार गिरती रैंकिंग व शिक्षण स्तर पर निरंतर सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे अहम ये बताना भी है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को रिसर्च के क्षेत्र में ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ने का मुख्य कारण है रिसर्च में फिसड्डी में रहना।

यूनिवर्सिटी कैटेगरी में एमडीयू, रोहतक की रैंकिंग गिरी तो तो जीजेयू हिसार में सुधार
एमडीयू रोहतक की स्थिति में भी कोई सुधार नहीं है। अबकी बार यूनिवर्सिटी की रैंकिंग दो पायदान और नीचे चली गई है। पिछली बार रैंकिंग 76 थी तो अबकी बार घटकर 78 हो गई है। ना रिसर्च में सुधार हो रहा है ना ही शिक्षण में हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के बाद प्रदेश के नामी विश्वविद्यालयों में एमडीयू का ही नाम आता है लेकिन धरातल पर स्थिति में कुछ बदलाव नहीं है। जीजेयू, हिसार की बात करें तो संस्थान की रैंकिंग में थोड़ा सुधार है। पिछले साल जारी हुई रैकिंग में यूनिवर्सिटी 94 वें पायदान पर थी लेकिन अबकी बार 6 पायदान का सुधार हुआ है और 88 वें स्थान पर है। एमडीयू का स्कोर 41.03 रहा है तो वहीं जीजेयू का स्कोर 39.66 रहा है। वहीं सोनीपत की अशोक यूनिवर्सिटी 95 वें स्थान पर है और ओवरआॅल स्कोर 39.02 रहा है।

केयूके, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सीडीएलयू सिरसा नहीं जगह बना पाए
एक बात सबको चौंका रही है कि प्रदेश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र को आखिर क्या हो गया है। संस्थान का शिक्षा स्तर आखिर रसातल में क्यों जा रहा है। ये सवाल हर किसी का दिमाग में कौंध रहा है कि कभी देश भर के गिने चुने संस्थानों में शामिल रहा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पढ़ाई और रिसर्च समेत कई मोर्चों पर क्यों जूझ रहा है। इसके अलावा चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी, सिरसा भी टॉप रैंकिंग में जगह नहीं बना पाई। वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी आॅफ हरियाणा, नारनौल भी 100 पायदान की लिस्ट में कहीं नहीं है।

कई पैमाने हैं रैंकिंग के, परसेप्शन में हम पिछड़े
जो रैंकिंग जारी की गई है उसके लिए मुख्य रुप से पांच इंडिकेटर को आधार बनाया गया है। इसमें टीचिंग, लर्निंग व रिसोर्सिज, रिसर्च व प्रोफेशलन प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच व इंक्लूजिविटी और पीयर परसेप्शन पैमाने रखे गए हैं। इन इंडिकेटर की बात करें तो परसेप्शन तो ऐसा है जिसमें ज्यादातर शिक्षण संस्थानों की परफॉर्मेंस शून्य रही है जो कि बेहद ही चिंताजनक है। किसी भी संस्थान के बारे में पीयर ग्रुप के विचार या कहें कि उसकी इमेज आदि के बारे में जानना है। इसको लेकर बड़े स्तर पर एंप्लॉयर और प्रोफेशनल्स की सर्वे के माध्यम से राय ली जाती है। बता दें कि हर पैमाने के 100 अंक निर्धारित हैं और इस लिहाज से पांच पैमानों के आधार पर कुल 500 अंक होते हैं।

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर एसएन सचदेवा ने कहा कि, “जो रैंकिंग का जो डाटा है, वो पिछले कई साल का है। इसको दोबारा से चैक करेंगे और इसको अपडेट किया जाएगा। जो भी कमियां हैं, उनको दूर करने की कोशिश की जाएगी और यूनिवर्सिटी को आगे ले जाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।”

इंजीनियरिंग, मेडिकल, कृषि संस्थानों की रैंकिंग पर भी एक नजर
-कुरुक्षेत्र का एनआईटी इंजीनियरिंग संस्थानों की रैकिंग में 44 वें स्थान पर रहा। वहीं गुरुग्राम की नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी 97 वें स्थान पर रही।
-मैनेजमेंट संस्थानों की बात करें तो मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट गुरुग्राम 11 वें, रोहतक की आईआईएमटी 28 वें रैंक पर रही। बीएम मुंजाल यूनिवर्सिटी 41वें पर काबिज हुई।
-टॉप फार्मास्यूटिकल संस्थानों के मामले में जीजेयू, हिसार का विभाग 27वें, एमडीयू का 31वें, अंबाला का मुलाना कॉलेज 34 वें स्थान पर आए।
-कॉलेजों की बात करें तो हिसार का आईसी कॉलेज 38वें स्थान पर रहा
-मेडिकल कॉलेजों की कैटेगरी में एमएम कॉलेज मुलाना 35 वें स्थान पर काबिज रहा।
-कानूनी पढ़ाई के शिक्षण संस्थानों प्रदेश का कोई संस्थान नहीं है।
-आर्किटेक्चर की पढ़ाई वाले संस्थानों में भी प्रदेश का कोई कॉलेज या संस्थान नहीं है।
-दंत चिकित्सा के क्षेत्र में रोहतक का पीजीआई 15 वें और अंबाला का एमएम कॉलेज है।

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