New Education Policy: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब सीबीएसई स्कूलों में फाउंडेशन स्टेज के तहत पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी। सीबीएसई बोर्ड ने सत्र 23-24 से 5 वर्षीय फाउंडेशन स्टेज शुरू करने को लेकर सभी स्कूलों को निर्देश दिये है। सीबीएसई बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने निर्देश दिया है कि इस नए सेशन में स्कूल नई शिक्षा नीति की गाइडलाइन के तहत कक्षाओं का संचालन करेगा। नई शिक्षा नीति के तहत फाउंडेशन स्टेज को लेकर नेशनल फ्रेमवर्क के तहत एनसीईआरटी ने पूरा सिलेबस और कोर्स तैयार किया है,लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सीबीएसई ने इस सत्र से स्कूलों में इसे चलाने को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी है।
वहीं NEP के तहत प्रस्तावित है कि कक्षा 1 से पहले 3 कक्षाएं होंगी। कक्षा 1 में प्रवेश की आयु 5 वर्ष होगी। प्रवेश सबसे निचली कक्षा में 3+ वर्ष की आयु मे में शुरू होगा और 4+ वर्ष की आयु में अगली उच्च कक्षा में और आगे 5+ वर्ष की आयु में अगली उच्च कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल फ्रेमवर्क में उन सभी चीजों को शामिल किया गया है। जो मूलभूत स्तर पर शिक्षण और सीखने का मार्गदर्शन करेगी। पाठ्यक्रम और पढ़ाने के मैथड को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसे स्कूल आसानी से अप्लाई कर सकेंगे। इसमें कक्षा नर्सरी से कक्षा दो तक की पढ़ाई होगी।
दिल्ली के स्कूलों द्वारा अपनाये गए मॉडल के अनुसार कक्षा 1 से पहले नर्सरी और KG से पहले 2 कक्षाएं हैं। सबसे निचली कक्षा यानी नर्सरी में 3+ वर्ष की आयु में एडमिशन शुरू होते हैं और छात्र 4+ वर्ष की आयु में KG में और 5+ वर्ष की आयु में कक्षा 1 में एडमिशन मिलेगा।
सीबीएसई संगठन के पीआरओ सतीश कुमार ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस भी बदलेगा। नए पाठ्यक्रम में तकनीक आधारित कोर्स जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, कोडिंग डिजाइन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी शामिल किया जाएगा। नए शैक्षणिक सेशन में सीबीएसई ने फाउंडेशन स्टेज-2022 के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क को अपनाया है और फाउंडेशन स्टेज (कक्षा नर्सरी से कक्षा दसवीं तक) में पांच साल की शिक्षा की नई संरचना सत्र 2023-24 में उन सीबीएसई स्कूलों में पेश की जाएगी।
वहीं पहले चरण में ऐसे स्कूल, जहां प्राइमरी और मीडिल की पांचवीं व आठवीं तक की कक्षाएं चलती है, वहीं से इसकी शुरुआत का निर्देश दिया है। ऐसे स्कूल जहां पर दसवीं तक की कक्षाएं चलती हैं, वह भी इसे शुरू कर सकते हैं। अगले चरण में उनके लिए भी यह अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। सचिव ने कहा है कि 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए यह फाउंडेशन स्टेज होगा। इसमें बच्चों के बौद्धिक, मानसिक, नैतिक विकास पर विशेष रूप से काम किया जाना है।
Also read: अब वेद-पुराण की नॉलेज स्टूडेंट्स को दिलाएगी प्रॉफिट, यूजीसी ने जारी किया एनसीआरएफ