India News (इंडिया न्यूज), BPSC Teacher Bharti: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अपने द्वारा नियुक्त राज्य से बाहर के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर रहा है। मामला प्रथम व द्वितीय चरण की नियुक्ति से जुड़ा है। जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को किसी भी तरह के अंक में आरक्षण का लाभ तो नहीं मिला है। विभिन्न जिलों में अंक में छूट के मामले सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों में ऐसे शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की जा रही है। सभी बीईओ को प्रमाण पत्रों की जांच कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का अल्टीमेटम दिया गया है।
काउंसिलिंग के दौरान हटाए गए अभ्यर्थी
डीपीओ स्थापना नासिर हुसैन के अनुसार, काउंसलिंग के दौरान एक दर्जन से अधिक ऐसे अभ्यर्थियों को हटाया गया, जो बाहरी राज्यों के निवासी थे। इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक के बावजूद इस बात की जांच की जा रही है कि इन शिक्षकों ने आरक्षण का लाभ लिया है या नहीं। इस संबंध में जिले के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित बाहरी राज्यों के शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है, ताकि प्रमाण पत्रों की समीक्षा की जा सके।
जिले में सूची उपलब्ध न होना
डीपीओ ने बताया कि अब तक जिले में राज्य के बाहर से आए शिक्षकों की सूची उपलब्ध नहीं हो पाई है। जांच के लिए सभी बीईओ को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है, ताकि समय पर आवश्यक दस्तावेज व प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकें। बीपीएससी की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। बिहार शिक्षक भर्ती को लेकर पटना हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा था कि शिक्षक भर्ती के दौरान बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत की छूट नहीं दी जाएगी। उन सभी अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत यानी कुल 90 अंक लाना जरूरी है। इससे कम अंक लाने पर उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति शिक्षक पद पर नहीं की जाएगी।
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