India News (इंडिया न्यूज) Ganga Dussehra 2023, दिल्ली: इस बार गंगा दशहरा का पर्व 30 मई मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। दान-पुण्य की दृष्टि से हिन्दू धर्म में इसका बहुत महत्व माना जाता है। साल की सबसे बड़ी निर्जला एकादशी के एक दिन पहले ये पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म में इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है। गंगा स्नान से व्यक्ति के सारे पापों का नाश हो जाता है। गंगा जल का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। किसी भी शुभ काम को करने से पहले गंगा जल का प्रयोग किया जाता है। यह दिन मोक्षदायिनी मां गंगा को समर्पित है। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होती है। गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है।
मां गंगा का हुआ था धरती पर अवतरण
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई 2023 को सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 30 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर खत्म होगी। उदयातिथि के अनुसार गंगा दशहरा 30 मई को मान्य रहेगा। मान्यता यह है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। तभी से कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से आपके सारे पाप धुल जाते है और उनका अंत हो जाता है।
इस दशहरा बन रहे कई शुभ संयोग
गंगा मां के पृथ्वी में आने के दिन को हम गंगा दशहरा के रूप में मनाते हैं। इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं। उस समय महाराज सगर के 60 हजार पुत्रों को तारी थीं। तब से मां गंगा आज पर्यंत नित्य ही हर लोगों के लिए पुण्यदायिनी और मोक्षदायिनी है।
बता दें कि 30 मई को गंगा दशहरा वाले दिन रवि और सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा इसी दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र के गोचर से इस दिन धन योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में जानकारों के अनुसार इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति में गंगा दशहरा की पूजा और स्नान-दान का कई गुना फल देंगी।
यह वह दिन जब गंगा को भागीरथ अपने पूर्वजों की शापित आत्माओं को शुद्ध करने तथा पापों का नाश करने के लिए गंगा को धरती पर उतारा गया था। पृथ्वी पर आने से पहले, देवी गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल में निवास कर रही थीं। इस दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। इस जल की खास बात यह है कि गंगा जल वर्षभर रखने पर भी सड़ता नहीं है।
इन चीजों का किया जाता है दान
इस दिन दस प्रकार की वस्तुओं का दान देने का विधान है। इनमें शरबत, वस्त्र, अन्न, हाथ का पंखा, छाता, तिल, जूते या चप्पल, मौसमी फल, चीनी या शक्कर और मटके का दान करना चाहिए।
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