India News (इंडिया न्यूज़), Biju Vattappara: प्रसिद्ध मलयालम फिल्म निर्माता और लेखक बीजू वट्टप्पारा का 54 वर्ष की आयु में केरल के मुवत्तुपुझा में निधन हो गया।प्रतिष्ठित निर्देशक और पटकथा लेखक मुवत्तुपुझा में एक वकील से मिलने के दौरान गिर गए और उन्हें तुरंत 13 मई को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्य से, अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। उनके अवशेषों को फिलहाल मुवत्तुपुझा तालुक अस्पताल में रखा गया है।

इन फिल्मों से हुए मशहूर

बीजू वट्टप्पारा ने फिल्मों, टेलीविजन धारावाहिकों और वृत्तचित्रों में अपने काम के माध्यम से मलयालम मनोरंजन उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। वह अपने निर्देशन में बनी फिल्म ‘रामा रावणन’ और ‘स्वंथम भार्या जिंदाबाद’ से मशहूर हुए। दोनों फिल्मों को खूब सराहा गया और एक प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा में योगदान दिया।

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कुशल पटकथा लेखक थे बीजू

अपनी निर्देशकीय उपलब्धियों के अलावा, बीजू वट्टप्पारा एक कुशल पटकथा लेखक थे। उन्होंने कई उल्लेखनीय फिल्मों के लिए पटकथाएँ लिखीं, जिनमें राजनीतिक एक्शन ड्रामा ‘लोकनाथन आईएएस’ और ‘कलाभाम’ शामिल हैं।

उनकी कहानी कहने की क्षमता फिल्मों से परे साहित्य तक फैली, जहां उन्होंने ‘चक्करा वावा’, ‘वेलुथा कैथरीना’ और ‘शंकुपुशम’ जैसे कई उपन्यास लिखे। इन उपन्यासों को बाद में सफल टेलीविजन धारावाहिकों में रूपांतरित किया गया।
साहित्य में बीजू वट्टप्पारा के योगदान को उनके कविता संग्रह ‘इदावझियुम थुम्बापूवम’ के लिए प्रतिष्ठित कुट्टीकृष्णन साहित्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। उनके कार्यों ने मलयालम संस्कृति पर एक अमिट छाप छोड़ी है और दर्शकों और पाठकों द्वारा उनकी सराहना जारी है।

यह थी उनकी आखिरी फिल्म

बीजू वट्टप्पारा की आखिरी फिल्म उर्वशी अभिनीत कॉमेडी ड्रामा फिल्म ‘माई डियर मम्मी’ थी, जहां उन्होंने पटकथा लिखी थी। बीजू वट्टप्पारा की विरासत उनकी प्रभावशाली फिल्मों, पटकथाओं और उपन्यासों के माध्यम से जीवित रहेगी, जो दर्शकों को प्रेरित और मनोरंजन करते रहेंगे।