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Happy Birthday kiran Bedi: किरण बेदी से जानिए इंदिरा गांधी का वो चालान वाला किस्सा, सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान

India News ( इंडिया न्यूज़ ) Happy Birthday kiran Bedi: देश की पहली महिला IPS ऑफिसर और पुडुचेरी की राज्यपाल रह चुकीं किरण बेदी नियमों को लेकर काफी सख्त मानी जाती थीं। वहीं, उनका एक उदार चेहरा भी है। दिल्ली की राजनीति में हाथ आजमा चुकीं और अन्ना आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा चुकीं बेदी इस वक्त लाइमलाइट से दूर हैं। उनके पास अपना काम है, किसी पद पर नहीं हैं। उन्होंने एक किताब ‘फियरलेस गवर्मेंट’ रिलीज की है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनका एक किस्सा बड़ा मशहूर है। उन दिनों वह दिल्ली में हुए एशियाई खेलों के वक्त ट्रैफिक की डीसीपी थीं। उस दौरान नियमों के उल्लंघन पर उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार का भी चालान काट दिया था।

विस्तार से बताया किरण बेदी ने यह किस्सा

मीडिया कर्मचारियों ने किरण बेदी से पूछा था जब सवाल- आपने उस वक्त डीसीपी ट्रैफिक के पद पर रहते हुए एक बार दिल्ली के कनॉट प्लेस में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार का चालान काटा था। उन्होंने यातायात नियमों का पालन नहीं किया था। इस घटना के बारे में बताइए? तब किरण ने कहा- जी, मैं उस घटना के बारे में आपको संक्षेप में बताती हूं। उस वक्त पूरी दिल्ली में एक ही डीसीपी ट्रैफिक हुआ करता था। मुझे 1982 के दिल्ली एशियन गेम्स से पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का डीसीपी बनाया गया था। चार्ज संभालते ही मुझे बताया गया कि यहां चालानों के जो कागज हैं उनकी गिनती होती है। कभी तो कई लोग कागज फाड़ देते हैं और कभी तो कहते हैं ये तुमने क्या किया मैं अभी फोन घुमाता हूं। मैंने कहा कि आज से दोनों चीजें नहीं होंगी। चेतावनी देने के बाद और चालान का कागज फाड़ने पर कार्रवाई करने का आदेश मैंने दिया।

सवाल: क्या आपको जरा भी घबराहट नहीं हुई जब पता चला कि आपके सब इंस्पेक्टर ने पीएम इंदिरा गांधी की गाड़ी पर कार्रवाई की है?

किरण बेदी- मुझे जब पता चला कि ऐसा कुछ हुआ है तो मुझे बड़ा गर्व महसूस हुआ कि मेरे अफसरों ने नियमों का पालन करते हुए यह कार्रवाई की। मुझे इस दौरान थोड़ी सी भी घबराहट नहीं हुई। सबसे अच्छी बात यह रही कि मुझे मेरे सीनियर अफसरों ने भी कुछ नहीं कहा। उन्हें भी पता था कि कहने का कोई मतलब नहीं होगा।

सवाल: आपके सब इंस्पेक्टर को यह पता करना पड़ा कि उस समय यह गाड़ी इंदिरा गांधी की थी। इसी से जुड़ा सवाल यह कि उस दौरान वीवीआईपी और वीआईपी सिक्योरिटी कैसी हुआ करती थी?

किरण बेदी- वह बड़ा ही साधारण समय था। जब मेरा सब इंस्पेक्टर निर्मल सिंह वहां कार्रवाई करने गया तो इंदिरा गांधी की एम्बेसडर कार के अलावा वहां सुरक्षा में कोई और गाड़ी नहीं थी। वहां बस मैडम का ड्राइवर बस था।

सवाल: पुडुचेरी से वापस आने के बाद आपका क्या प्लान है?

किरण बेदी- पुडुचेरी से वापस आने के बाद मैंने एक किताब रिलीज की है। इस किताब का नाम ‘फियरलेस गवर्मेंट’ है। मैंने उस किताब में राज्यपाल रहते हुए पांच साल जो काम किए उसका लेखा-जोखा है। उसमें मैंने लिखा है कि कैसे हमने भ्रष्ट्र नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया, कानून के नियम स्थापित किए, व्यवस्था को कैसे बदला वह सारा उसमें दिया गया है।

Deepika Gupta

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