India News (इंडिया न्यूज), Phule Controversy: बॉलीवुड में जिस फिल्म पर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है वह आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। हम प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर ‘फुले’ की बात कर रहे हैं। फुले का निर्देशन अनंत महादेवन द्वारा किया गया है।जब से इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है तभी से ये फिल्म विवादों में रही है। इस फिल्म की रिलीज डेट पहले 11 अप्रैल थी, लेकिन जब इसका विरोध बढ़ने लगा तब सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्ममेकर्स से इसमें कई बदलाव करने के लिए कहा, जिस वजह से इसकी रिलीज टाल दी गई थी। इस फिल्म का ब्राह्मण रक्षा दल समेत कई ब्राह्मण समुदायों ने विरोध किया है। उन्होंने फिल्म पर आरोप लगाया है कि, फिल्म बनाने वाले मेकर्स ने ब्राह्मणों का अपमान किया है और उन्हें गलत दिखाया गया है। इस फिल्म पर बढ़ते विवाद को देख प्रतीक गांधी ने सफाई दी है।
प्रतीक गांधी ने कहा कि हम ऐसे दौर में पहुंच गए हैं, जहां यह सोचना भी मुश्किल है कि कोई किस बात से नाराज हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोग बहुत ज़्यादा सहिष्णु और खुले विचारों वाले थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने देखा है कि लोग अजीबोगरीब चीज़ों पर भी नाराज़ हो जाते हैं। प्रतीक गांधी ने जब फिल्म ‘फुले’ रिलीज़ नहीं हुई थी उससे पहले ‘द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया’ से बातचीत के समय कहा था, “यह बहुत दुखी करने वाला और दिल को तोड़ने वाला है। मैं एक कलाकार के तौर पर यह कह रहा हूँ, क्योंकि ऐसा नहीं होना चाहिए। मैंने एक ऐसा समय देखा है जब हमारा देश और हमारे लोग ऐसे नहीं थे। हम बहुत ज़्यादा सहिष्णु, बहुत ज़्यादा खुले विचारों वाले और बहुत ज़्यादा प्रगतिशील थे।”
Phule Controversy
प्रतीक गांधी ने पिछले कुछ सालों में आए बदलाव के बारे में बात की
प्रतीक गांधी आगे बोले, “पिछले कुछ समय में मैंने अजीबोगरीब तरह की चीज़ों पर लोगों की नाराज़गी महसूस की है। अब हम ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहाँ आप सोच भी नहीं सकते कि किस चीज़ से किसी को नाराज़ किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि आज के समय में आप लाल रंग को लाल भी नहीं कह सकते।”
प्रतीक गांधी ने कहा, “यह पागलपन है। जब बात उस स्तर पर पहुँच जाती है, तो मुझे लगता है कि निर्णय लेने से पहले कुछ भी सोचने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए एक कलाकार के रूप में, मेरी आंतरिक भावना एक स्क्रिप्ट पर निर्णय लेने के लिए सबसे मजबूत हथियार है। अगर मैं स्क्रिप्ट, दुनिया और कहानी से जुड़ सकता हूँ, तो मैं इसका हिस्सा बनना चाहता हूँ।” सीबीएफसी ने कथित तौर पर ‘फुले’ के निर्माताओं से फिल्म में कई बदलाव करने को कहा, जिसमें ‘महार’, ‘माँग’, ‘पेशवाई’ जैसे संवाद और दृश्य हटाना शामिल है।