India News(इंडिया न्यूज़), Sam Bahadur Movie Review, दिल्ली: 1 दिसंबर को विक्की कौशल की देशभक्ति से जुड़ी फिल्म सैम बहादुर रिलीज होने वाली है। वही रिलीज से पहले दर्शन जानने के लिए काफी उत्सुक है की कहानी में ऐसा क्या खास होने वाला है। जिससे कि वह सिनेमाघर में जाकर इस फिल्म का मजा ले सके। आज इस खास रिपोर्ट में हम आपको सैम बहादुर की कुछ ऐसे पॉइंट्स बताएंगे जिन्हें जानने के बाद आप खुद फिल्म देखना या ना देखने का फैसला ले सकते हैं।

यह फिल्म की कहानी

सैम बहादुर की कहानी की बात की जाए तो इसमें मार्शल सैम मानेकशॉ की कहानी को दिखाया गया है। जिन्होंने भारत के कई युद्ध में अपना योगदान दिया और अपनी सही सोच-भुज से युद्ध को जीतते हुए भारत को सुरक्षित रखा। वही फिल्म की खास बात बताएं तो सैम बहादुर हमेशा यह कहते हुए फिल्म में नजर आते थे कि “युद्ध हमारे सिपाहियों के लिए कोई जश्न का मौका नहीं है कि वह अपनी जान गवा कर देश की रक्षा करें, बल्कि यह मौका है जिसमें वह अपने दुश्मनों को मौत के घाट उतार सकते हैं”

इसके साथ ही फिल्म के अंदर उस रोचक कहानी के बारे में बताया गया है। जो आज तक दर्शकों से छुपी हुई थी। जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो कि कैसे सैम बहादुर ने अपनी सूझबूझ से देश के बड़े फैसलों में योगदान दिया और बड़े-बड़े युद्ध को अपनी समझ के साथ पूरा किया।

यह है फिल्म के पॉजिटिव प्वाइंट

फिल्म के अंदर मौजूद पॉजिटिव पॉइंट्स की बात करें जो फिल्म को और भी ज्यादा आकर्षक बनाती है तो वह कुछ इस तरह है।

  • सैम बहादुर फिल्म के अंदर जितने सख्त हैं उतने ही मजाकिया भी है।
  • वह अपने सिपाहियों को मोटिवेट करने के लिए उनसे जुड़ी बातों को सामने रखते हैं।
  • पूरी फिल्म के दौरान वह मर्द और औरत को स्वीटी का कर बुलाते हैं।
  • इतनी टेंशन की माहौल में भी वह हमेशा अपने मूड को अच्छा रखते हैं।
  • विक्की कौशल को देखकर कोई नहीं कह सकता कि उन्होंने अभिनय किया है। वह सच के सैम बहादुर लगते हैं।
  • एक अच्छा सोल्जर होने के साथ एक अच्छे जीवनसाथी का भी दिया गया उदाहरण।

फिल्म के यह है नेगेटिव पॉइंट

इसके साथ ही फिल्म के कुछ नेगेटिव पॉइंट्स के ऊपर बात की जाए तो कई फ़िल्म क्रिटिक्स के रिव्यूज को लेने के बाद इसको तय किया गया है।

  • फिल्म दर्शकों को ज्यादा देर तक जोड़ नहीं रख पाई।
  • कहानी के बेहतरीन होने के बाद भी डायरेक्शन में दिखी कमी।
  • फिल्म के अंदर इंदिरा गांधी के किरदार में फातिमा सना शेख में नजर आई कमी।
  • इंदिरा गांधी किरदार को नहीं कर पाई सही तरह से पेश।
  • फिल्म की शुरुआती लड़ाई के सीन को नहीं गया सही से फिल्माया।

कैसी रही फिल्म में कलाकारों की एक्टिंग

  • फिल्म के अंदर किरदारों की एक्टिंग की बात की जाए तो विक्की कौशल ने बखूबी सैम बहादुर का किरदार निभाया है। उनकी एक्टिंग से कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह एक अभिनेता के रूप में अभिनय कर रहे हैं। उनकी अभिनय को काफी वास्तविकता से पूरी तरीके से जोड़ा गया है।
  • इसके अलावा फिल्म के अंदर उनकी पत्नि का किरदार निभाने वाली सानिया मल्होत्रा ने काफी प्यारे और नरम अंदाज में अपनी किरदार को पूरा किया।
  • साथ ही फातिमा सना शेख ने इंदिरा गांधी के किरदार को निभाते हुए काफी कमी छोड़ी। उनके किरदार को देखते हुए ऐसा बिल्कुल महसूस नहीं हुआ कि वह देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री का किरदार निभा रही है।
  • इसके अलावा बाकी कलाकारों ने भी अपने किरदारों को अच्छी तरह निभाया। जिसमें उनकी मेहनत को साफ तौर पर देखा जा सकता है।

डायरेक्शन का रहा ये नतीजा

फिल्म के अंदर डायरेक्शन की बात की जाए तो मेघना गुलजार ने बखूबी फिल्म की हर एक शॉट को फिल्माया है लेकिन उन्होंने ज्यादातर मानवीय एंगल्स को दिखाने की कोशिश की है और रचनात्मक एंगल्स को दूर रखा है। साफ तौर पर कहा जाए तो फिल्म की शुरुआत में जो फाइटिंग सीन दिखाया गया था। उसको और भी बेहतर किया जा सकता था लेकिन उसको सीधे तौर पर एक आम शर्ट की तरह ही फिल्माया गया। इस इंटेंस मोमेंट को और भी ज्यादा अच्छे से फिल्मकार विक्की कौशल की काबिलियत को और निखारा जा सकता था।

आखिर में यह फिल्म ओवरऑल एक अच्छी कहानी के साथ एक अच्छे मैसेज को जनता तक पहुंचाने के लिए बेहतरीन ऑप्शन हो सकती है। आप एक अच्छे मैसेज के साथ फिल्म को देखने जा सकते हैं लेकिन अगर आप एक बेहतरीन कैमरा एंगल और एक्शन के शौकीन है तो आपको फिल्म देखने से पहले सूचने की जरूरत है।

 

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