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Shatrughan Sinha को क्यों नहीं मिला ‘शोले’ फिल्म में रोल? अमिताभ-शत्रुघ्न क्यों बन गए दुश्मन; बर्थडे पर जानें ‘शॉटगन’ से जुड़े दिलचस्प किस्से

Shatrughan Sinha Birthday Special: शत्रुघ्न सिन्हा को बिहारी बाबू भी कहा जाता है. शत्रुघ्न सिन्हा के जन्मदिन (8 दिसंबर, 1946) पर इस स्टोरी में हम बताएंगे एक्टर के संघर्ष और उनकी फिल्मों के बारे में.

Written By: JP YADAV
Last Updated: 2025-12-09 13:18:08

Shatrughan Sinha Birthday Special: बॉलीवुड यानी ग्लैमर वर्ल्ड, जहां खूबसूरत चेहरा, दिखावटी चकाचौंध और स्टाइल ही सबकुछ होता है. चमक-दमक वाले बॉलीवुड में जहां खूबसूरत चेहरा ही काम पाने और फिर कामयाबी का इकलौता पैमाना हो वहां पर सामान्य चेहरे-मोहरे की क्या बिसात? बॉलीवुड इंडस्ट्री के इतिहास में ऐसे कम मौके आए हैं, जब निर्माता-निर्देशकों ने सामान्य चेहरे-मोहरे वाले एक्टर-एक्ट्रेस को मौके दिए हों. एक दौर था जब एंग्रीयंग मैन के रूप में स्थापित अमिताभ बच्चन, चार्मिंग राजेश खन्ना, हैंडसम देवानंद और हीमैन धर्मेंद्र का जलवा था. ऐसे में एक अभिनेता वह भी था जो चेहरे पर कटे हुए निशान के साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री में आया. शुरुआत में रोल पाने में बहुत दिक्कत आई, लेकिन जब मौका मिला तो पूरे बॉलीवुड को हिला डाला. हम यहां पर बात कर रहे हैं- शत्रुघ्न सिन्हा की. बर्थडे (9 दिसंबर, 1946) पर हम बात करेंगे शत्रुघ्न सिन्हा के फिल्मी करियर के बारे में. 

जन्मदिन को लेकर है कंफ्यूजन तो कर लें दूर

गूगल और विकिपीडिया के मुताबिक, शॉटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा का जन्मदिन 15 जुलाई, 1946 है, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा की शादीशुदा बेटी सोनाक्षी सिन्हा के मुताबिक, उनके पिता का जन्मदिन 9 दिसबंर होता है. उन्होंने वर्ष 2018 में 9 अगस्त को एक पोस्ट किया था, जिसमें बताया था कि उनके पिता शत्रुघ्न सिन्हा का जन्मदिन 9 दिसंबर, 1946 होता है. बॉलीवुड के साथी कलाकार भी शत्रुघ्न सिन्हा का जन्मदिन 9 दिसंबर को ही मनाते हैं. अभिनेता जैकी श्रॉफ ने तो मंगलवार (9 दिसंबर) को सुबह शत्रुघ्न सिन्हा को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं.

कैसे हुई फिल्मों में अभिनय की शुरुआत 

फिल्मों में रोल पाने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को लंबा संघर्ष करना पड़ा. फिल्मी करियर की शुरुआत में शत्रुघ्न को देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ में एक छोटा सा रोल ऑफर किया गया था. इसके बाद उन्हें मजबूरी में विलेन के रोल करने पड़े, क्योंकि किसी तरह बॉलीवुड इंडस्ट्री में एंट्री करने के साथ ही टिकना भी जरूरी था. शत्रुघ्न सिन्हा ने ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘प्यार ही प्यार’, ‘भाई हो तो ऐसा’ और ‘और हीरा’ जैसी कई फ़िल्मों में विलेन के रोल किए. इन रोल्स के लिए एक्टर्स को सराहा भी गया. ‘बनफूल‘, ‘मनमोहन देसाई‘ के अलावा ‘ब्लैकमेल‘ फिल्म में भी उन्होंने विलेन का रोल किया. 

राजेश खन्ना ने ठुकराई फिल्म तो चमक गई शत्रुघ्न की किस्मत

अमिताभ बच्चन के बारे में कहा जाता है कि उन्हें ‘जंजीर’ फिल्म इत्तेफाक से मिली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेमस एक्टर राजकुमार ने यह फिल्म किन्हीं कारणों से ठुकरा दी थी. इसके बाद अमिताभ बच्चन को यह रोल मिला. ना केवल फिल्म हिट हुई, बल्कि इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को एंग्री यंगमैन के रूप में चर्चित/स्थापित करा दिया. कुछ ऐसा ही हुआ शत्रुघ्न सिन्हा के साथ. वर्ष 1975-76 में ‘कालीचरण‘ फिल्म के लिए मेकर्स ने सबसे पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को एप्रोच किया, क्योंकि उस दौर में वह फिल्म की सफलता की गारंटी माने जाते थे. मेकर्स की कहानी सुनकर राजेश खन्ना ने फिल्म करने से इन्कार कर दिया. कहा जाता है कि राजेश खन्ना के पास उस समय फिल्मों का ढेर था, इसलिए उन्होंने मना कर दिया. यह फिल्म जब शत्रुघ्न सिन्हा को ऑफर हुई तो वह तैयार हो गए. फिल्म बनी और 1976 में आई ‘कालीचरण‘ ने इतिहास रच दिया. इसके डायलॉग और गाने खूब मशहूर हुए. फिल्म भी सुपरहिट रही. इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया. यह सफर अब भी जारी है. वह कुछ सालों बाद फिल्मों में नजर आते हैं.

क्यों पड़ा शॉटगन नाम?

शत्रुघ्न सिन्हा को फिल्म इंडस्ट्री के अलावा फैन्स के बीच भी शॉटगन के नाम से ही जाना जाता है. खुद एक्टर ने ‘द कपिल शर्मा शो’ में खुलासा किया था कि उन्हें शॉटगन नाम पत्रकार शोभा डे ने दिया है. उन्होंने बताया कि उनके नाम के उच्चारण को लेकर कन्फ्यूजन रहता था, इसलिए शॉटगन नाम दिया. शॉटगन बोलने में ज्यादा आसान है, ऐसे में लोग यह नाम बोलने में सहज महसूस करते हैं. क्रिटिक्स का मानना है कि बड़े पर्दे पर अभिनेता के मुंह से निकलने वाला हर शब्द बंदूक की गोली की तरह लगता था. यही वजह है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में शत्रुघ्न सिन्हा को ‘शॉटगन‘ भी कहा जाता है. हालांकि यह सच्चाई है कि शत्रुघ्न सिन्हा को शॉटगन नाम चर्चित पत्रकार शोभा डे ने ही दिया है. इस पर कई बार शत्रुघ्न सिन्हा भी मुहर लगा चुके हैं.

दमदार डायलॉग ने किया मशहूर

काफी संघर्ष करने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने वर्ष 1969 में देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ (Prem Pujari) से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इस फिल्म से उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री में नोटिस किया गया. इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने सैकड़ों फिल्में कीं और एक्टिंग खूब वाहवाही बटोरी. खासतौर से अपनी डायलॉग डिलीवरी से. सिनेमा के पर्दे पर शत्रुघ्न सिन्हा का बोलने का अपना एक स्टाइल था. उनके डायलॉग से पहले उनकी नम आंखें भी बहुत कुछ बोल जाती थीं. अभिनय की दुनिया में बॉडी लैंग्वेज के साथ डायलॉग डिलिवरी का अहम रोल होता है. लंबे-चौड़े शत्रुघ्न सिन्हा दमदार डायलॉग के लिए जाने जाते हैं. उनके साथी कलाकारों और निर्माता निर्देशकों का कहना है कि कितना भी लंबा डायलॉग हो, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा आसानी से याद करते थे और स्क्रिप्ट की डिमांड के मुताबिक बोलते थे.

शत्रुघ्न सिन्हा के डायलॉग खूब हैं मशहूर 

 ‘खिलौना’, ‘गैंबलर‘, ‘दोस्त और दुश्मन’ , ‘रास्ते का पत्थर’ जैसी कई सफल फिल्में देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने एंग्री यंगमैन वाले रोल भी किए हैं. ‘विश्वनाथ’ फिल्म का डायलॉग ‘जली तो आग कहते हैं, बुझे तो राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं’ आज भी मशहूर है. ‘तुमने हमारा नाम जरूर सुना होगा, परशुराम…’ भी खूब लोकप्रिय है. इसके अलावा, ‘हमारे बारे में मशहूर है कि हम लोगों की शादियां भी कराते हैं और श्राद्ध भी.’ इसने भी खूब लोकप्रियता हासिल की है. यह वजह है कि जब भी फिल्म में वह कोई डायलॉग बोलते थे तो थिएटर्स में तालियों की आवाज गूंजने लगती थी. उनके आइकॉनिक स्टाइल से बोले गए डायलॉग्स यादगार हो गए. 

अमिताभ-शत्रुघ्न का ‘दोस्ताना’ जो हो गया खत्म

एक दौर था जब बॉलीवुड के दो दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन ने कई सुपरहिट फिल्मों में साथ काम किया. कुछ सालों बाद दोनों के बीच दरार आ गई. इसके बाद दोनों कभी भी साथ नहीं नजर आए. फिल्म ‘काला पत्थर’ की शूटिंग के दौरान ऐसा वाकया हुआ, जिसके बाद दोनों ने साथ फिल्में नहीं करने का निर्णय ले लिया. वर्ष 1979 में यश चोपड़ा की फिल्म ‘काला पत्थर’ शूटिंग चल रही थी. इस दौरान दोनों के बीच तनाव की शुरुआत हुई. शत्रुघ्न सिन्हा का कहना था कि एक दिन जब वो शूटिंग पर पहुंचे तो उन्हें बताया कि फाइट सीन में बदलाव कर दिए हैं. बताया गया कि अमिताभ का किरदार ही शत्रुघ्न के किरदार पर हावी रहेगा. शत्रुघ्न को इस बदलाव पर एतराज था. यह बदलाव बिना उनसे पूछे किया गया. फिर क्या था. शत्रुघ्न को ऐसा लगा कि यह बदलाव अमिताभ ने करवाया है.

शत्रुघ्न सिन्हा को नागवार गुजरा अमिताभ बच्चन का लगातार ‘पीटना’

इसके बाद ‘काला पत्थर’ के सीन में डायरेक्टर के कट बोलने के बाद भी अमिताभ बच्चन कोस्टार शत्रुग्न सिन्हा को मारते रहे. यह बात शत्रुघ्न सिन्हा को पसंद नहीं आई. इसके बाद ‘शान’ और ‘नसीब’ फिल्म में दोनों एक साथ नजर आए, लेकिन दोनों फिल्मों की शूटिंग पहले हो चुकी थी.

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