India News (इंडिया न्यूज), The Taj Story Movie Poster: बीते वर्ष ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म आई थी, जिसे लेकर देश के भीतर मतभेद देखने को मिला था। इसी तर्ज पर एक नई फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ (The Taj Story) धर्म से जुड़े एक ज्वलंत मुद्दे को उठाने जा रही है, जिस पर हिंदुस्तानी कौम दो भागों में पहले से बंटी है। ताजमहल बीते दिनों भी विवादों में रहा था जिस समय हिंदू धर्म के लोगों ने दावा किया कि ताजमहल कभी हिंदू मंदिर था, जिसे तेजो महालय कहा जाता था। बता दें कि सालों से बीजेपी के कई नेता इस पर किए गए दावे को बढ़ावा देते रहे हैं कि हिंदू मंदिर तेजो महालय शाहजहां के शासन काल से काफी पहले बनकर तैयार हो गया था।

इस पर विवाद के बाद फिल्म ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने ट्विटर पर एक नई फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ का ऐलान करते हुए लिखा कि फिल्म द ताज स्टोरी की घोषणा करता हूं, जो जल्द ही आएगी। इस फिल्म को सीए सुरेश झा ने प्रोड्यूस किया है। इस मूवी को तुषार अमरीश गोयल ने लिखा और निर्देशित किया है। यह फिल्म स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बन रही है।

लोग बता रहे नफरत भड़काने वाली फिल्म

दरअसल, कोमल नाहटा के ट्वीट पर पर लोगों की नजर पड़ते ही इस फिल्म पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे। एक यूजर ने लिखा कि बाजार में एक और चीज आई है, ताकि लोग एक-दूसरे से नफरत कर सकें। कृपया ऐसा करना बंद करें। वहीं इस मूवी पर दूसरा यूजर का प्रतिक्रिया आता है कि सर आपका ये लेवल नहीं हैं। कोई भी छपरी घर बैठे फिल्म अनाउंस कर दे, तो आप पोस्टर शेयर करते फिरो। ये लोग फिल्म मेकिंग को लेकर कितने सीरियस है, ये इनके पोस्टर से ही पता चल गया। इसके तीसरा यूजर ने लिखा, ‘एक और नफरत भड़काने वाली फिल्म।’ चौथा यूजर लिखता है, ‘क्या बकवास है। यह शिव जी का घोर अपमान है। ये लोग एक कब्र पर शिवलिंग दिखा रहे हैं।’

ताजमहल पर किए अलग-अलग दावे

बता दें कि कई लोग कोमल नाहटा के इस तरह की मूवी का पोस्टर साझा करने की वजह से तिखी टिप्णणी कर रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा ‘कोमल जी मेरे दिल में आज आपके लिए जो इज्जत और सम्मान था, वह सब खत्म हो गया। आप ऐसे न थे।’ हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कोर्ट के समक्ष यह कह चुका है कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए बनवाया था और यह दावा कि ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर ‘तेजो महालय’ था, कपोल कल्पना है। शायद इसलिए, लोग ऐसी फिल्में बनाने के पीछे की मंशा पर सवाल उठते हैं।

यह भी पढ़ेंः-