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सती प्रथा के सख्त खिलाफ थे गुरु नानक देव जी, उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जानिए

Rizwana • LAST UPDATED : November 8, 2022, 12:40 pm IST

(इंडिया न्यूज़): सिक्खों के पहले गुरु साहिब श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी गांव में हुआ। असल में गुरु साहिब का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था, यही वजह है कि आज सिक्खों के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोग भी गुरु नानक देव जी को अपना इष्ट मानते हैं। जैसा कि आप जानते हैं इस वर्ष गुरु साहिब का 550 वां गुरपूर्व पूरी दुनिया में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। ऐसे में आज हम भी गुरु साहिब के जीवन पर एक नजर चाहेंगे.. तो चलिए जानते हैं सिक्ख पंथ की शुरुआत करने वाले सिक्खों के पहले गुरु साहिब श्री गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें…सबसे पहले बात करेंगे कि वह सती प्रथा के खिलाफ क्यों थे…

क्या थी सती प्रथा ?

गुरु नानक देव जी जब उम्र में कुछ बड़े हुए तो उन्होंने देखा कि सती प्रथा की आग सब तरफ फैली हुई है। सती प्रथा यानि पति की मृत्यु के बाद पत्नि को जिंदा अपने पति की चिता में फेंक दिया जाता था। ऐसा होता देख गुरु साहिब ने न केवल इस चीज का विरोध किया बल्कि इस प्रथा का अंत भी किया। यहां तक उन्होंने विधवा औरत के पुर्नविवाह की भी रीत चलाई।

यात्राएं

गुरु साहिब ने समाज और मानवता को एक सूत्र में पिरोने के लिए कुल 5 यात्राएं की। इन यात्राओं के दौरान गुरु साहिब ने पूरी दुनिया का चक्कर लगा लिया था। गुरु साहिब जहां-जहां गए वहां उन्होंने बुराईयों का खत्म करके लोगों को धर्म-कर्म की बातें सिखाईं।

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