होम / Poems on Basant Panchami in Hindi देखो फिर से बसंती हवा आ गई, तान कोयल की कानों में यों छा गई

Poems on Basant Panchami in Hindi देखो फिर से बसंती हवा आ गई, तान कोयल की कानों में यों छा गई

Mukta • LAST UPDATED : January 27, 2022, 3:09 pm IST

Poems on Basant Panchami in Hindi

बसंत ऋतु एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति खिलती है और फलती-फूलती है। पृथ्वी अपने आप को नए पत्तों और पौधों से भर देती है। ऋतु का आगमन बसंत पंचमी के उत्सव के रूप में चिह्नित है। बसंत का अर्थ है बसंत का मौसम और पंचमी महीने के पांचवें दिन को दर्शाती है।

इस दिन वैसे तो स्कूल में छूती होती है लेकिन कई स्कूलों में एक दिन पहले इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। अब तो कोरोना के कारण स्कूल बंद चल रहे है तो इस दौरान अक्सर ऑनलाइन प्रतियोगताएं होती हैं। जिसमे बचे अपना प्रदर्शन करते हैं। इस दिन पर अक्सर टीचर्स बच्चों से Poems भी सुनती हैं। आइये एक नज़र डालते हैं कुछ ऐसी ही Poems पर।

Poems on Basant Panchami in Hindi

बसंत आ गया!
अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,
बसंत आ गया! दूर खेत मुसकरा रहे हरे-हरे,
डोलती बयार नव-सुगंध को धरे,
गा रहे विहग नवीन भावना भरे,
प्राण! आज तो विशुद्ध भाव प्यार का हृदय समा गया!
अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,
बसंत आ गया!
खिल गया अनेक फूल-पात से चमन,
झूम-झूम मौन गीत गा रहा गगन,
यह लजा रही उषा कि पर्व है मिलन,
आ गया समय बहार का,
विहार का नया नया नया! अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,
बसंत आ गया!
****************************

Poems on Basant Panchami in Hindi

चलो मिल बटोर लाएँ
मौसम से वसंत
फिर मिल कर समय गुज़ारें
पीले फूलों सूर्योदय की परछाई
हवा की पदचापों में
चिडियों की चहचहाहटों के साथ
फागुनी संगीत में फिर
तितलियों से रंग और शब्द लेकर
हम गति बुनें
चलो मिल कर बटोर लाएँ
मौसम से वसंत
और देखें दुबकी धूप
कैसे खिलते गुलाबों के ऊपर
पसर कर रोशनियों की
तस्वीरें उकेरती है
उन्हीं उकेरी तस्वीरों से
ओस कण चुने
चलो मिल बटोर लाएँ||

*************

Poems on Basant Panchami in Hindi

देखो फिर से वसंती हवा आ गई।
तान कोयल की कानों में यों छा गई।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
इस कदर डूबी क्यों बाहरी रंग में।
रंग फागुन का गहरा पिया संग मे।
हो छटा फागुनी और घटा जुल्फ की,
है मिलन की तड़प मेरे अंग अंग में।
दामिनी कुछ कर देंगे नादानियाँ।।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
बन गया हूँ मैं चातक तेरी चाह में।
चुन लूँ काँटे पड़े जो तेरी राह में।
दूर हो तन भले मन तेरे पास है,
मन है व्याकुल मेरा तेरी परवाह में।
भामिनी हम न देंगे कुर्बानियाँ।।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
मैं भ्रमर बन सुमन पे मचलता रहा।
तेरी बाँहों में गिर गिर सँभलता रहा।
बिना प्रीतम के फागुन का क्या मोल है,
मेरा मन भी प्रतिपल बदलता रहा।
मानिनी हम फिर लिखेंगे कहानियाँ।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।

***********

Poems on Basant Panchami in Hindi

Read Also : Basant Panchami song lyrics in Hindi धरती का है आंचल पीला, झूमे अम्बर नीला-नीला

Read Also : Decoration Ideas For Basant Panchami 2022 : पीले रंग से कर सकते हैं सजावट

Read Also : History And Importance of Basant Panchami बसंत पंचमी इतिहास के झरोखों से

Connect With Us : Twitter Facebook  

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.