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जानें क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे? जिसे बजट से पहले सदन में किया जाता है पेश

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 30, 2023, 5:00 pm IST

(दिल्ली) : एक फरवरी को वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने वाली है। उससे पहले कल यानी 31 जनवरी को वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण एक दस्तावेज पेश करेंगी। अगर आप सोच रहे होंगे बजट से पहले दस्तावेज? तो बता दें, बजट पेश होने से पहले संसद में एक दस्तावेज पेश होता है, जिसे इकोनॉमिक सर्वे या आर्थिक सर्वेक्षण कहते हैं। बजट के मद्देनजर यह काफी महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज है, क्‍योंकि इसमें बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र किया जाता है। मालूम हो, देश का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था। वर्ष 1964 तक इकोनॉमिक सर्वे देश के आम बजट के साथ ही पेश किया जाता था लेकिन बाद में इसे, बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।

जानकारी दें, सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की निगरानी में इसे तैयार किया गया है। वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा इसे संसद में पेश किए जाने के बाद मुख्‍य आर्थिक सलाहकार प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब भी देंगे। बता दें, इकोनॉमिक सर्वे में सरकार अपने फिस्कल डेवलपमेंट के साथ ही मॉनेटरी मैनेजमेंट और एक्सटर्नल सेक्टर्स के बारे में बताती है। इसमें यह भी जानकारी होती है कि सरकार की पॉलिसी और प्रोग्राम के नतीजे क्या रहे हैं और उनका अर्थव्‍यवस्‍था पर कितना असर हुआ है।

कौन करता है ‘आर्थिक सर्वेक्षण’ तैयार

बता दें, इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय तैयार करता है। मंत्रालय का इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग की इकोनॉमिक डिवीजन को इसे तैयार करने की जिम्‍मेदारी होती है। यह डिवीजन सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार की निगरानी में इस महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज को तैयार करती है।

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्‍व

बता दें, आर्थिक सर्वेक्षण में केंद्र सरकार की ओर से देश की मौजूदा आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा बताया जाता है। इस दस्तावेज के जरिए सरकार जनता ये बताती है कि देश की आर्थिक स्थिति कैसी है। देश की अर्थववस्था कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। मालूम हो, आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार को अर्थव्‍यवस्‍था के संबंध में सुझाव भी दिए जाते हैं। लेकिन, सरकार इन सुझावों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

साथ ही, इकोनॉमिक सर्वे एक तरह से हमारी अर्थव्यवस्था को दिशा देने का काम करता है। क्योंकि इसी सर्वे से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है और इसमें सुधार के लिए क्या करने की आवश्‍यकता है। इसकी प्रमुखता इस बात से भी है कि इस सर्वे से ही अर्थव्यवस्था का ट्रेंड पता चलता है।

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