India News (इंडिया न्यूज), Fake NCERT Books Factory : उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा सरकारी किताबों की नकली छपाई व उनको मार्केट में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब नेशनल हाईवे पर स्थित औद्योगिक एरिया में आरोपियों ने बंद पड़ी फैक्ट्री मलिक को विश्वास में लेकर धार्मिक पुस्तक छापने की बात करते हुए कुछ महीने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी, जिसमें मशीनों के अलावा कच्चा माल भेजा गया था।
इससे पहले आरोपियों ने शहर के गढ़ी छाजू रोड पर जाने वाले रास्ते की एक गली में करीब एक या डेढ़ वर्ष पहले फैक्ट्री किराए पर लेकर 8 – 9 महीने काम किया तो जिला नगर योजनाकार विभाग ने अभियान के दौरान फैक्ट्री को तोड़ने का काम किया गया, जिससे आरोपी मशीन व अन्य सामान लेकर यूपी के मुरादाबाद चले गए। Fake NCERT Books Factory
Minister Mahipal Dhanda
इसके बाद दोबारा से उन्होंने इस काम को अंजाम देने के लिए बिल्डिंग की तलाश करने में लगे रहे जिसकी पुष्टि फैक्ट्री मालिक व अन्य लोगों ने की है। इस बारे फैक्ट्री मालिक के मुताबिक नेशनल हाईवे पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में उनकी फैक्ट्री बंद है। इसी फैक्ट्री में उत्तर-प्रदेश पुलिस की ओर से छापेमारी करके मेंन गेट पर तीन ताले लगाकर फैक्ट्री को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि करीब 2 महीने पहले यूपी के मेरठ निवासी दो लोग आए जिन्होंने धार्मिक पुस्तक छापने की बात करते हुए फैक्ट्री किराए पर लेने को कहा जिसको लेकर उन्होंने हर माह करीब 70000 किराए पर कुछ महीने के लिए किराए पर दी।
इसके बाद फैक्ट्री में मशीन व कच्चा माल भेजा गया, लेकिन उन्हें मालूम नहीं था कि यहां पर किसी अन्य काम को अंजाम दिया जा रहा है। फैक्ट्री मालिक के अलावा व अन्य ने बताया कि करीब एक या डेढ़ साल पहले गढ़ी छाजू रोड पर इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री किराए पर लेकर इस तरह का काम शुरू किया गया था करीब 8 9 महीने काम करने के बाद जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री को गिराने का काम किया तो आरोपी मशीन व अन्य सामान लेकर उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद चले गए थे। इसके करीब 2 महीने बाद दोबारा से यहां पर फैक्ट्री की तलाश करने लग गए।
उधर शहर में बुक व किताबों की दुकान चलाने वाले दुकानदार के मुताबिक भारत सरकार के अंतर्गत एनसीईआरटी की किताबें कम रेट की होती है जिनका पेपर बहुत अच्छा होता है और इसमें ऑथोराइज़्ड डीलर को 15% कमीशन मिलता है लेकिन समालखा में कोई डीलर नहीं है। डुप्लीकेट किताबों में डीलर को 35 से 40% कमीशन दिया जा रहा है जिसका पेपर हल्का व किताब का वजन काम होता है। हर साल अप्रैल महीने में बच्चों को किताबें वितरित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि एसएसपी संजय वर्मा ने पुलिस लाइन सभागार में मीडिया कर्मियों को बताया था कि एक जून को खतौली पुलिस और एसओजी को जानकारी मिली कि मेरठ से कुछ लोग एनसीईआरटी की नकली किताबों की एक बड़ी खेप लेकर खतौली में अपने गोदाम पर आ रहे हैं। पुलिस ने अलकनंदा नहर पर पुराने चीलत क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया, जहां दो संदिग्ध गाड़ियां मेरठ की और से आती दिखी। रोकने के प्रयास पर आरोपी भागने लगे लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर सभी को पकड़ लिया। इनकी गाड़ियों से पुलिस ने एनसीईआरटी की नकली किताबों की खेप बरामद की। Fake NCERT Books Factory
थाना लाकर इनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। समालखा (पानीपत) में छपाई, भैंसी में बनाया गोदाम एसएसपी संजय वर्मा के अनुसार इन शातिरों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह है जो एनसीईआरटी की फर्जी किताबें छापकर बाजार में बेचता है। हर सदस्य की अलग-अलग जिम्मेदारी तय है। समालखा (पानीपत) में इंडस्ट्रीज एरिया में किराए पर लेकर प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई थी, जहां से फर्जी किताबें छपती थीं। उसके बाद इन्हें खतौली के ग्राम भैंसी स्थित गोदाम में रखा जाता था और वहीं से विभिन्न राज्यों में सप्लाई की जाती थी।
राजू शर्मा, ताराचंद, सतेंद्र, जावेद कच्चे माल की व्यवस्था व छपाई, आदिल मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा अन्य राज्यों में सप्लाई और अमित सैनी सप्लाई करते थे। ये सभी मेरठ के निवासी हैं। हरियाणा की प्रिंटिंग प्रेस को कराया सील गिरफ्तार आरोपियों के पास से थार, होण्डा अमेज सहित तीन गाड़ियों व 1 लाख 33 हजार नकली किताबों की खेप और भैसी गोदाम से प्रिंटिंग मशीन व प्रिंटिंग और बुक बाइंडिंग अन्य सामान बरामद किया गया है।
सारे सामान की कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने समालखा पुलिस के साथ मिलकर कर समालखा में अवैध रूप से संचालित की जा रही प्रिंटिंग प्रेस को भी सील कर दिया है। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह द्वारा की गई अवैध छपाई से सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था।
हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के गृह जिला पानीपत समालखा में एनसीईआरटी की नकली किताबें बनाने की प्रिंटिंग प्रेस लगने वाला यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद यह पूरा मामला जिले के शिक्षा विभाग व शिक्षा मंत्री के संज्ञान में आया तो विभाग के अधिकारी पूरे मामले की छानबीन करने में जुट चुके हैं शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि यह पूरा मामला संज्ञान में आया है। Fake NCERT Books Factory
अधिकारियों की प्रतिक्रिया पहचान बिन का इंतजार किया जा रहा है जांच के बाद ही प्रतिक्रिया देगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना क्यों हुई इसकी जांच होगी क्योंकि किसी को गलत काम करने का लाइसेंस नहीं दिया हुआ, अगर कोई गलत काम करेगा व जांच में दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वही जिंदा किसान जलाए जाने वाले मामले पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि किसान की मौत बड़ी दुखद घटना है यह ऐसा नहीं होना चाहिए था। Fake NCERT Books Factory