• स्कूलों में अध्यापकों की कमी से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में भी पूछे जाएंगे सवाल

India News (इंडिया न्यूज), Opposition on Haryana Schools : हरियाणा में सरकारी स्कूलों की हालत, छात्रों की घटती संख्या, शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। 7 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाएगा। विपक्ष का कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों में दाखिले कम हो रहे हैं और शिक्षा की गुणवत्ता भी लगातार गिर रही है।

Opposition on Haryana Schools : खाली स्कूलों का बढ़ता आंकड़ा

प्रदेश में 28 प्राथमिक और 8 मिडल स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र नहीं पढ़ता। इसके अलावा, 262 स्कूलों में मात्र 1 से 10 विद्यार्थी ही हैं, जबकि 520 स्कूलों में छात्र संख्या 11 से 20 के बीच है। चिंता की बात यह है कि एक हाई स्कूल ऐसा भी है, जहां कोई छात्र नामांकित नहीं है।

शिक्षकों की भारी कमी, पढ़ाई पर असर

स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सिरसा जिले के कलावाली स्कूल की बात करें तो यहां 96 छात्राओं के लिए सिर्फ एक गेस्ट टीचर नियुक्त किया गया है। यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि प्रदेश के कई स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की कमी बनी हुई है। कई जगहों पर गेस्ट टीचरों के सहारे ही स्कूल चल रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।

बुनियादी सुविधाओं की कमी, छात्रों की परेशानी बढ़ी

विपक्ष का मानना है कि प्रदेश के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। इसके अलावा, कई स्कूलों में शौचालय, बिजली और बैठने की उचित व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे हालात में अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से कतराने लगे हैं।
पिछले साल की तुलना में इस बार सरकारी स्कूलों में करीब 27,000 कम दाखिले हुए हैं। विपक्ष का सवाल है कि आखिर छात्र सरकारी स्कूलों से दूर क्यों हो रहे हैं? क्या इसकी वजह निजी स्कूलों की ओर बढ़ता रुझान है, या फिर सरकारी शिक्षा व्यवस्था की खामियां इसकी मुख्य वजह हैं?

विधानसभा में विपक्ष सरकार से मांगेगा जवाब

कांग्रेस के कलायत से विधायक विकास सहारण का कहना है कि सरकार की शिक्षा नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है। सरकारी स्कूलों की स्थिति लगातार खराब हो रही है और सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। विपक्ष इस बार विधानसभा में इन मुद्दों को पूरी मजबूती से उठाएगा और सरकार से जवाब मांगेगा।

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