इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Supreme Court’s Strictness तीन कृषि कानूनों के विरोध को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। इसी बीच जहां अनेक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं कई को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है। वहीं किसानों के आदोलन को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें शीर्ष अदालत ने साफ कह डाला कि सड़कों को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि हमने नहीं, पुलिस ने जाम किया हुआ है।

एक माह में दाखिल करना होगा जवाब (Supreme Court’s Strictness)

सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। मामले पर 7 दिसंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से दिल्ली सीमा के पास सड़कों पर किसानों का डेरा जमा हुआ है, इससे जहां सड़कों पर यातायात प्रभावित हो रहा है वहीं अनेक लोगों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हरियाणा सरकार ने याचिका दायर की थी (Supreme Court’s Strictness)

पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त किसान मोर्चा के तहत 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की अर्जी दाखिल की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए, कानून पहले ही तय किया जा चुका है। हम इसे बार-बार नहीं दोहरा सकते हैं। किसानों को सरकार से शिकायत हो सकती है, लेकिन सड़क पर फंसी जनता को भी उनसे शिकायत है।

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