हरियाणा के जिला कैथल के एक गांव में सरपंच और ग्राम सचिव के द्वारा पंचायत फंड से 45 लाख रुपये गबन करने का मामला सामने आया है। डीसी ने दोनों व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज तथा पैसे रिकवरी के आदेश दिए हैं। वहीं ग्राम सचिव को चार साल पुराने एक गबन के मामले में डीसी प्रदीप दहिया ने एक दिन पहले निलंबित कर दिया था।
नरेश भारद्वाज, कैथल। गांव जसवंती के सरपंच, तत्कालीन ग्राम सचिव के खिलाफ पंचायत फंड से 45 लाख गबन करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। गांव जसवंती में 2016 से 2018 में पंचायत फंड से ग्राम सचिव सुरेश कुमार व तत्कालीन सरपंच चरण सिंह ने लगभग 45 लाख रुपये निकाले। परंतु उस पैसे का कहां उपयोग किया गया। यह नहीं पता चला। इस मामले पर डीसी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच करवाई तो पाया कि पैसे का गबन हुआ है।
डीसी प्रदीप दहिया ने दोनों व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज तथा पैसे रिकवरी के आदेश दिए। डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कर्मचारियों का दायित्व बनता है कि सरकारी पैसे का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। जो कर्मचारी इस तरह के कार्यों में संलिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जांच अनुसार गांव जसवंती में हुए पैसे के गबन में ग्राम सचिव सुरेश कुमार व तत्कालीन सरपंच चरण सिंह शामिल रहे हैं। इस मामले की जांच डिप्टी सीईओ जिला परिषद से करवाई गई है। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारी के खिलाफ सर्विस रूल के तहत आवश्यक कार्रवाई हेतू अनुशंसा की गई है।
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी अच्छा कार्य कर रहे हैं और करेंगे उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित करने का कार्य भी किया जाएगा। स्वामित्व योजना में पंचायत विभाग के कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया है।
सीवन में कार्यरत गांव जसवंती के तत्कालीन ग्राम सचिव सुरेश को चार साल पुराने गबन के मामले में डीसी प्रदीप दहिया ने बुधवार को निलंबित कर दिया था। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय बीडीपीओ कार्यालय राजौंद तय किया है।
चार साल पहले गांव जसवंती में एक गबन के मामले में उन्हें पहले चार्जशीट किया गया था। इसके बाद उनकी इस मामले में जांच चल रही थी।
जांच के दौरान लापरवाही का दोषी पाए जाने पर डीसी प्रदीप दहिया ने बुधवार को उन्हें निलंबित कर दिया है। डीडीपीओ कंवर दमन सिंह ने कहा कि गांव जसवंती में एक 45 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया था।
जिसमें ग्राम सचिव सुरेश कुमार को पहले चार्जशीट किया गया था। इसके बाद उनकी नियमित जांच चल रही थी। इस जांच में वे लापरवाही के दोषी पाए गए हैं।
साल 2018 में ग्राम सचिव सुरेश डोलिया के पास जिले कैथल के गांव जसवंती का चार्ज था। इस दौरान उन्होंने सरपंच के साथ मिलकर बिना विकास कार्य करवाए करीब 45 लाख रुपयों का गबन करने के आरोप लगे थे।
जिसकी जांच के जिला प्रशासन द्वारा करवाई गई थी जिसमें उस समय के तत्कालीन सरपंच चरण सिंह के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी। लेकिन ग्राम सचिव अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस मामले से बच गया था।
बुधवार को डीसी ने अपने आदेश में कहा है कि ग्राम सचिव से गबन किए गए रुपयों की रिकवरी की जाएगी। यह रिकवरी सुरेश कुमार के वेतन पेंशन फंड व अन्य तरीके से की जाएगी।
इस समय सुरेश डोलिया के पास कैथल के गांव रसूलपुर के ग्राम सचिव का चार्ज है। बताया गया कि उसने पिछले 3 महीने में 24 लाख रुपये के विकास कार्यों को करवाया है। इन कामों को कितनी पारदर्शिता से किया गया। इनकी जांच भी करवाई जाएगी।
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