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Bhavantar Bharpayee Yojana

India News Editor • LAST UPDATED : September 28, 2021, 11:13 am IST

Haryana Is The First State Where Millet Is Also Included In ‘Bhavantar Bharpayee Yojana’: Manohar Lal

इंडिया न्यूज, चंडीग

Bhavantar Bharpayee Yojana

हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में इस खरीफ सीजन से बाजरे की उपज को भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इससे पहले हरियाणा में बागवानी फसलों के लिए भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ लागू की जा चुकी है। इस योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि बाजरे की खरीद के बारे में

निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं : -बाजरे के औसत बाजार भाव व एमएसपी के अंतर को भावांतर मानते हुए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल के सत्यापन उपरांत सही पाए गए किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा। बाजरे के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि पड़ोसी राज्यों राजस्थान और पंजाब ने इस बार भी बाजरे का कोई एमएसपी घोषित नहीं किया और लगता है कि वे पहले की तरह इस बार भी बाजरे की खरीद नहीं करेंगे। ऐसे में इन राज्यों से बाजरा हरियाणा में बिकने के लिए आने की आशंकाएं हैं। इसलिए हरियाणा प्रदेश के उन किसानों का ही बाजरा खरीदने के लिए भावांतर पर भरपाई करने का निर्णय लिया गया है, जिन्होंने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उपज भाव को मेनटेन करने के लिए बाजार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी।

2.71 लाख ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया (Bhavantar Bharpayee Yojana)

खरीफ-सीजन 2021 में बाजरे के लिए 2.71 लाख किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें से लगभग 8 लाख 65 हजार एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है। खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा।

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मूंग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्टूबर से (Bhavantar Bharpayee Yojana)

खरीफ फसलों में बाजरे के अतिरिक्त मूंग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्टूबर से और मंूगफली की खरीद 1 नवम्बर से शुरू होगी। इसके अलावा, राज्य सरकार पहली बार अरहर, उड़द और तिल की खरीद भी करने जा रही है जो 1 दिसम्बर से शुरू होगी। किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही 4,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। धान की खरीद के लिए भी 199 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 72 अतिरिक्त खरीद स्थलों की भी पहचान की गई है। यदि खरीद केन्द्रों पर भारी मात्रा में आवक होगी तो इन स्थलों का उपयोग धान की खरीद के लिए किया जाएगा।

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