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यमुनानगर में फैक्ट्रियों पर केंद्रीय फर्टिलाइजर विभाग के छापे, सड़कों पर उतरे श्रमिक

India News Desk • LAST UPDATED : May 20, 2022, 12:49 pm IST

प्रभजीत सिंह लक्की,यमुनानगर: (Central Teams Raids) केंद्र सरकार की फर्टिलाइजर विभाग की टीमें आज हरियाणा के यमुनानगर स्थित फैक्ट्रियों पर छापे मारे, जिससे यहां के प्लाइवुड व्यापारियों में हड़कंप मचा है। अलग-अलग टीमों ने यहां पर रेड की और जोडियो में नीलगिरी प्लाइवुड पर भी छापामारी के लिए केंद्र की टीम पहुंची। बताया जा रहा है कि सुबह छह टीमों ने अलग-अलग जगह जोडियो, इंडस्ट्री एरिया और पांसरा में रेड की। वहीं टीम के एक अधिकारी ने बताया कि तीन साल का यूरिया का रिकार्ड मांगा जा रहा है।

लकड़ी और टायर आदि डालकर बंद किया रोड

Central Teams Raids - Central Fertilizer Department - Raids On Factories - In Yamunanagar, - Workers On The Streets
यमुनानगर में सड़क पर लकड़ियां और टायर डालकर छापेमारी का विरोध करते लोग

विरोध में श्रमिक सड़कों पर आ गए और लकड़ी आदि डालकर पूरा रोड बंद कर दिया है। अन्य प्लाइवुड व्यापारियों ने विरोध में अपनी इकाइयां बंद कर दी। उनका कहना है कि पहले ही व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में जीएसटी की रेड से कारोबार पर असर पड़ रहा है। व्यापारियों का काम बंद हो रहा है। कारोबार करना मुश्किल हो गया है।

हमारे रोजगार पर संकट आया, फैक्ट्रियां बंद की

Central Teams Raids - Central Fertilizer Department - Raids On Factories - In Yamunanagar, - Workers On The Streets
छापे की कार्रवाई के दौरान फैक्टरी के बाहर मौजूद लोग

फैक्ट्री मैनेजर अनिल ठाकुर ने कहा, मालिकों ने फैक्ट्रियां बंद कर दी है। उनके रोजगार पर संकट आ गया है। पुराने बिल टीम मांग रही है। कहां से पुराने बिल दें। वीरवार से ही मिनिस्ट्री आफ फर्टिलाइजर की टीमों के प्लाइवुड फैक्ट्रियों पर रेड की सूचना मिल गई थी, क्योंकि पुलिस सुरक्षा के लिए पहले ही प्रशासन को पत्र भेज दिया था। यह सुरक्षा इसलिए भी मांगी गई थी, क्योंकि 25 अप्रैल को करेहडा खुर्द में रेड के दौरान जीएसटी की टीम पर हमला हो चुका है।

यूरिया के बिलों में हेराफेरी का है आरोप

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छापे की कार्रवाई के दौरान फैक्टरी के बाहर मौजूद कर्मी व पुलिस।

यमुनानगर में प्लाइवुड इंडस्ट्री में सब्सिडी वाले कृषि यूरिया का अवैध रूप स प्रयोग किया जाता है, क्योंकि टेक्निकल यूरिया काफी महंगा पड़ता है। सब्सिडी वाला यूरिया करीब 300 रुपए में पड़ता है। जबकि टेक्निकल यूरिया 4600 रुपए प्रति बैग पड़ता है। इसमें ही प्लाइवुड फैक्ट्री संचालक हेराफेरी करते हैं। यह टेक्निकल यूरिया का फर्जी बिल तैयार कराते हैं। इसमें खाद विक्रेता की भी मिलीभगत होती है।

यमुनानगर में हैं प्लाइवुड की छोटी-बड़ी 1200 फैक्ट्रियां

केंद्रीच टीम इस बात की जांच करेगी कि कारोबारी जो बिल उन्हें दिखा रहे हैं क्या वे सही हैं। यह टीमें टेक्निकल बिल इश्यू करने वाली फर्म तक भी जाएगी। बता दें यहां प्लाइवुड की छोटी-बड़ी 1200 फैक्ट्रियां हैं। अधिकतर में कृषि योग्य खाद का प्रयोग होता है।

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