इंडिया न्यूज, Haryana News। Khedar Thermal Ash Controversy : हरियाणा के जिला हिसार में खेदड़ पावर प्लांट की राख को लेकर चल रहे विवाद का समाधान हो गया है। बुधवार शाम को प्रशासन और ग्रामीणों की 15 सदस्यीय कमेटी के बीच करीब 3 घंटे की मीटिंग के बाद मामले में सहमति बनी है। जिसके बाद ग्रामीणों ने मृतक धर्मपाल के शव को भूना सड़क से उठाकर गोशाला में रख दिया।
इन मांगों पर बनी दोनों पक्षों में सहमति
- किसान नेता गुरनाम चढूनी ने बताया कि प्रशासन के साथ हुई बैठक में कुछ मांगों पर सहमति बनी है।
- राख पर गोशाला को 37 रुपये प्रति टन भराई मिलेगी।
- धारा 302 और धारा 307 के तहत गिरफ्तार युवाओं की जमानत होगी।
- 15 दिन के अंदर कानूनी प्रकिया के तहत मुकदमें समाप्त होंगे।
- मृतक के बेटे को मिलेगी नौकरी।
- दाह संस्कार तब होगा, जब युवा जेल से बाहर आएंगे।
- अभी शव को सड़क से उठाकर गोशाला में रखा जाएगा। चढूनी ने कहा कि मुआवजे की मांग भी थी। सीएम के साथ मीटिंग के बाद धरना खत्म किया जाएगा।
महापंचायत में प्रशासन को शाम 4 बजे तक दिया था अल्टीमेटम
ग्रामीणों ने सुबह प्रशासन द्वारा लगाए गए बेरीकेड्स ट्रेक्टर से हटाए। ग्रामीणों का 72 घंटे का अल्टीमेटम खत्म होने के बाद महापंचायत की गई। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे थे। इसके बाद मृतक धर्मपाल को श्रद्धाजंलि दी गई।
अल्टीमेटम खत्म होते ही खेदड़-भूना रोड पर लगाया जाम
वहीं 15 सदस्यीय कमेटी ने फैसला लिया कि शाम 4 बजे तक प्रशासन ने मांगी नहीं मानी तो उसके बाद शव को सड़क पर रखकर जाम लगाया जाएगा। ऐसे में प्रशासन को शाम 4 बजे तक अल्टीमेटम दिया गया।
अल्टीमेटम खत्म होते ही ग्रामीणों ने खेदड़ भूना रोड पर जाम लगा दिया। दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों की एक तीन सदस्यीय कमेटी अल्टीमेटम खत्म होने से पहले ही ग्रामीणों की 15 सदस्यीय कमेटी के साथ बातचीत करने के लिए पहुंच गए।
यह है पूरा मामला
बता दें कि राख की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खेदड़ पावर प्लांट के अंदर जाने वाले रेलवे ट्रैक पर पड़ाव डालने का फैसला लिया। इसके बाद किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर ट्रैक की ओर चल दिए। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए।
इसी बीच एक ट्रैक्टर किसानों को रौंदता हुआ आगे निकल गया। पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का प्रयोग किया।
किसानों का दावा है कि पुलिस के लाठीचार्ज से किसानों को चोटें लगी। एक किसान धर्मपाल की मौत भी इसी कारण हुई, जबकि पुलिस का कहना है कि धर्मपाल की मौत ट्रैक्टर के नीचे आने से हुई है। तीन पुलिस कर्मचारी भी गंभीर रुप से घायल हैं।
85 दिनों से ग्रामीण दे रहे थे धरना
खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्लांट की राख पहले की तरह उन्हें मुफ्त दी जाए, जबकि प्लांट के अधिकारी इसमें असमर्थता जता रहे हैं। क्योंकि बिजली मंत्रालय ने राख को टेंडर के जरिए बेचने का प्रस्ताव पास किया है।
करीब 67 करोड़ की राख है प्लांट में
यह राख ईंट बनाने में प्रयोग होती है। प्लांट में करीब 67 करोड़ की राख है। वहीं ग्रामीणों का तर्क है कि जब पहले राख को कोई लेता नहीं था तो ग्रामीण इसका प्रयोग करते थे। इससे खेदड़ गौशाला को होने वाली आय बंद हो जाएगी और करीब 1 हजार गायों का पालन पोषण कर रही गौशाला बंद हो जाएगी। इसलिए ग्रामीण पहले की तरह ही राख फ्री में देने की मांग कर रहे हैं।
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