डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Dengue Cases in Haryana 2021: जानलेवा कोरोनी की दूसरी लहर धीमी पड़ी तो लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन अब डेंगू डंक मारने लगा है। हालात ये हैं कि हर रोज बीमारी के 200 से ज्यादा केस रिपोर्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जो स्थिति है वो चिंतनीय है। डेंगू के चलते अब स्थिति डरावनी होने लगी है। आंकड़ों के अनुसार पिछले 6 सालों में दूसरी बार और 5 साल में पहली अब तक डेंगू के सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग निरंतर लोगों जागरुक कर रहा है कि बीमारी से कैसे बचा जाए और बीमारी के लक्षण मिलने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क किया जाए।
पिछले दो सप्ताह के आंकड़ों से साफ है कि करीब 3500 नए मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं और बीमारी पर नियंत्रण लगाए जाने की तुरंत प्रभाव से जरूरत है। एक्सपर्ट्स जहां निरंतर कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं तो इसको देखते हुए जरुरत है कि डेंगू के नए केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हम अतिरिक्त सावधानी बरतें। फिलहाल सुखद स्थिति ये है कि आधिकारिक रूप से डेंगू के चलते अब तक प्रदेश में किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।
अगर इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस साल अब तक 5671 लोग बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। हालात निरंतर चिंताजनक होते जा रहे हैं। प्रदेश में 14 अक्टूबर तक 1928 लोग बीमारी से ग्रस्त हुए। इसके बाद 16 अक्टूबर तक मरीजों की संख्या 2154 थी। इसके बाद मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आना शुरू हुआ। 24 अक्टूबर तक मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 3805 हो गया। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी परेशानी में आ गया। इसके बाद 25 अक्टूबर को मरीजों की संख्या 4241 हो गई। यानी कि एक दिन में 400 से ज्यादा मरीज रिपोर्ट हुए। फिर 29 अक्टूबर तक डेंगू ने कुल 5671 मरीजों को चपेट में लिया।
प्रदेश के पांच जिले निरंतर डेंगू की मार में हैं। कोरोना का कहर भी इन जिलों ने व्यापक स्तर पर झेला और कमोबेश यही स्थिति डेंगू को लेकर है। आंकड़ों के अनुसार 29 अक्टूबर तक अकेले फतेहाबाद में 640 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके थे। पंचकूला इस मामले में दूसरे स्थान पर है और कुल 544 लोग बीमारी से ग्रस्त हैं।
दिल्ली से सटे सोनीपत में भी आंकड़ा 500 पार है और कुल मरीजों की संख्या 510 है। सिरसा में 461 और कैथल में 381 लोगों को डेंगू का डंक लग चुका है। वहीं 250 से ज्यादा मरीजों की बात करें तो इसमें भी कई जिले हैं। इसमें हिसार, नूंह, अंबाला और महेंद्रगढ़ भी शामिल हैं। इन जिलों में भी मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
वहीं राहत वाली बात है मलेरिया, चिकनगुनिया और जापानी बुखार के नए मरीज या तो बिल्कुल नहीं हैं या फिर एकाध है। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो 29 अक्टूबर तक मलेरिया के कुल 51 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। वहीं चिकनगुनिया के के 7 मरीज सामने आए हैं। वहीं जापानी बुखार का कोई भी मामला इस साल सामने नहीं आया है। बीमारी का 1 मामला साल 2017 में रिपोर्ट हुआ था और इसके बाद कोई नया केस नहीं है।
डेंगू की मच्छर पनपने के लिए जो सबसे बड़ा कारण है, वो है आसपास कहीं पानी खड़ा होना। स्वास्थ्य विभाग निरंतर लोगों को जागरुक कर रहा है कि वो अपने पास कहीं पानी एकत्रित नहीं होने दें क्योंकि यहां मच्छर का लारवा पैदा होगा। लेकिन विभाग के अधिकारियों व डॉक्टरों के इतना जागरुक करने के बाद भी लोगों के दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आ रहा है जो कि परेशानी का विषय है।
डेंगू के बढ़ रहे केसों पर वीबीडी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ राकेश सैनी ने कहा है कि हम निरंतर फील्ड विजिट कर रहे हैं और निरंतर लोगों को समझा रहे हैं कि वो अपने आस पास पानी एकत्रित नहीं होने दें ताकि मच्छर नहीं पनपे। लोगों को अपने रवैये में बदलाव लाना चाहिए ताकि डेंगू पर रोक लगे सके। विभाग निरंतर फॉगिंग भी करवा रहा है। लोगों से अपील है कि वो स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन की पालना करें।
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