वृष राशिफल 03 अक्टूबर 2022

*** दैनिक राशिफल ***

🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** *** 

दिनाँक :-03/10/2022, सोमवार
एकादशी, कृष्ण पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष

अपने विचार व्यक्त करने में संकोच न करें। आत्मविश्वास की कमी को अपने ऊपर हावी न होने दें क्योंकि यह केवल आपकी समस्या को जटिल करेगा और आपकी प्रगति को धीमा कर सकता है। अपने आत्मविश्वास को वापस पाने के लिए खुद को व्यक्त करें और समस्या से निपटने के लिए दिल से मुस्कुराएं। सफलता का आज का सूत्र यह है कि आप अपना पैसा ऐसे लोगों की सलाह पर लगाएं जो इनोवेटिव हों और जिनके पास अच्छा अनुभव हो। अपना खाली समय निस्वार्थ सेवा में समर्पित करें। यह आपको और आपके परिवार को खुशी और जबरदस्त आनंद देगा।

अपने प्रेमी की भावनात्मक मांगों को न छोड़ें। करियर की बेहतर संभावनाओं के लिए की गई यात्रा साकार हो सकती है। ऐसा करने से पहले अपने माता-पिता की अनुमति लें अन्यथा वे बाद में आपत्ति कर सकते हैं। आपका प्रतिस्पर्धी स्वभाव आपको आपके द्वारा दर्ज की गई किसी भी प्रतियोगिता को जीतने में सक्षम बनाएगा। आपका जीवनसाथी आज आपके स्वास्थ्य के प्रति असंवेदनशील हो सकता है।

तिथि——– एकादशी 06:06:15 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– आर्द्रा 10:42:58
योग———— सिद्वि 24:36:01
करण———– बालव 06:06:15
करण———– कौलव 19:19:34
वार———————–सोमवार
माह————————भाद्रपद
चन्द्र राशि—————— मिथुन
सूर्य राशि——————— सिंह
रितु————————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:54:51
सूर्यास्त—————- 18:48:25
दिन काल————- 12:53:34
रात्री काल————- 11:06:54
चंद्रास्त—————- 16:29:26
चंद्रोदय—————- 26:50:12

लग्न—- सिंह 5°43′ , 125°43′

सूर्य नक्षत्र———————-मघा
चन्द्र नक्षत्र——————- आर्द्रा
नक्षत्र पाया——————–रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

छ—- आर्द्रा 10:42:58

के—- पुनर्वसु 17:27:45

को—- पुनर्वसु 24:11:50

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 05:12 मघा , 2 मी
चन्द्र =मिथुन 17 °23, आर्द्रा , 4 छ
बुध =कन्या 02 ° 07′ उ oफा o ‘ 2 टो
शुक्र=कर्क 19°05, आश्लेषा ‘ 1 डी
मंगल=वृषभ 07°30 ‘ कृतिका ‘ 3 उ
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°05’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°05 विशाखा , 2 तू

🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩

राहू काल 15:35 – 17:12 अशुभ
यम घंटा 09:08 – 10:45 अशुभ
गुली काल 12:22 – 13:58 अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:30 – 09:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:15 – 24:07* अशुभ
वर्ज्यम 24:12* – 25:59* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 05:55 – 07:32 अशुभ
उद्वेग 07:32 – 09:08 अशुभ
चर 09:08 – 10:45 शुभ
लाभ 10:45 – 12:22 शुभ
अमृत 12:22 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:35 अशुभ
शुभ 15:35 – 17:12 शुभ
रोग 17:12 – 18:48 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 18:48 – 20:12 अशुभ
लाभ 20:12 – 21:35 शुभ
उद्वेग 21:35 – 22:59 अशुभ
शुभ 22:59 – 24:22* शुभ
अमृत 24:22* – 25:45* शुभ
चर 25:45* – 27:09* शुभ
रोग 27:09* – 28:32* अशुभ
काल 28:32* – 29:55* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 05:55 – 06:59
सूर्य 06:59 – 08:04
शुक्र 08:04 – 09:08
बुध 09:08 – 10:13
चन्द्र 10:13 – 11:17
शनि 11:17 – 12:22
बृहस्पति 12:22 – 13:26
मंगल 13:26 – 14:31
सूर्य 14:31 – 15:35
शुक्र 15:35 – 16:40
बुध 16:40 – 17:44
चन्द्र 17:44 – 18:48

🚩होरा, रात
शनि 18:48 – 19:44
बृहस्पति 19:44 – 20:40
मंगल 20:40 – 21:35
सूर्य 21:35 – 22:31
शुक्र 22:31 – 23:26
बुध 23:26 – 24:22
चन्द्र 24:22* – 25:17
शनि 25:17* – 26:13
बृहस्पति 26:13* – 27:09
मंगल 27:09* – 28:04
सूर्य 28:04* – 28:59
शुक्र 28:59* – 29:55

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

सिंह > 05:40 से 06:46 तक
कन्या > 06:46 से 08:56 तक
तुला > 08:56 से 11:10 तक
वृश्चिक > 11:10 से 13:26 तक
धनु > 13:26 से 15:56 तक
मकर > 15:56 से 17:34 तक
कुम्भ > 17:34 से 19:02 तक
मीन > 19:02 से 19:36 तक
मेष > 19:36 से 10:08 तक
वृषभ > 10:08 से 00:00 तक
मिथुन > 00:00 से 02:20 तक
कर्क > 02:20 से 05:24 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 11 + 3 + 1 = 30 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* अजा एकादशी व्रत (सर्वेषां)

* एकादशी वृद्धि

* शरद ऋतु प्रारम्भ

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

आलस्योपगता विद्या परहस्तगतं धनम् ।
अल्पबीजं हतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम् ।।
।। चा o नी o।।

खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽजुर्न तिष्ठति।,
भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारुढानि मायया॥,

हे अर्जुन! शरीर रूप यंत्र में आरूढ़ हुए संपूर्ण प्राणियों को अन्तर्यामी परमेश्वर अपनी माया से उनके कर्मों के अनुसार भ्रमण कराता हुआ सब प्राणियों के हृदय में स्थित है॥,61॥,

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

यह भी पढ़ें : मेष राशिफल 03 अक्टूबर 2022

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Neha Dhiman

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