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Dial-112: पर हर रोज 12 हजार से ज्यादा कॉल

Dial-112:  पर हर रोज 12 हजार से ज्यादा कॉल
सबसे ज्यादा वाहन महिला अपराध व चोट वाली घटनाओं में मदद के लिए भेजे
अब तक 65 दिन में 93295 वाहन कॉल आने पर मदद के लिए भेजे
महिलाओं के खिलाफ अपराध और चोट लगने की घटनाओं को लेकर ज्यादा कॉल्स
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:

हरियाणा में क्राइम पर रोक लगाने और लॉ एंड आर्डर को मजबूत करने के लिए 13 जुलाई, 2021 को Dial-112: सिस्टम को शुरू किया गया। शुरुआती तौर पर मानें तो जरूरतमंद लोगों को इसका काफी फायदा मिल रहा है। स्वास्थ्य, पुलिस और फायर संबंधी सेवाओं को एक ही नंबर से कनेक्ट कर दिया गया है तो ऐसे में हर तरह की इमरजेंसी को लेकर इसी नंबर पर कॉल आते हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार 2 माह और 2 दिन की अवधि में 13 जुलाई, 2021 से 15 सितंबर, 2021 तक हेल्पलाइन पर कुल 78,4,722 कॉल रिसीव हुई हैं जो कि अलग-अलग तरह की समस्याओं को लेकर थी। विभाग की तरफ से कोशिश रही कि सभी का जवाब दिया जाए। इसके अलावा विभाग को 38,476 मैसेज भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें लोगों ने पुलिस से उपरोक्त हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगी है।
सबसे ज्यादा वाहन महिलाओं के खिलाफ अपराध व चोट की घटनाओं में मदद के लिए भेजे
बता दें कि अब तक जो पुलिस विभाग को वाहन संबंधी मदद के लिए कॉल आई हैं, उनमें से महिलाओं के साथ अपराध वाली घटनाओं की जगह कुल 88,017 में से 13,020 बार वाहन भेजे गए हैं। वहीं किसी को चोट होने की घटनाओं की बात करें तो 13,930 बार वाहन मदद के लिए भेजे हैं। इसके अलावा आपसी डिस्पुट वाली घटनाओं को लेकर 12715, एक्सीडेंट 10,149, झगड़े 8122, चोरी 4133, धमकी 4133, वाहन चोरी 1352, स्नैचिंग 1204 और अन्य के लिए कुल 7185 बार वाहनों को भेजा गया है।

हर रोज हेल्पलाइन पर आए फोन पर हो रहा एक्शन

डायल 112 प्रोजेक्ट के आंकड़ों के अनुसार विभाग को उपरोक्त अवधि में कुल 784722 कॉल में से हर अलग-अलग विभागों की कॉल भी हैं, जिनको लेकर मदद भेजी गई है। आंकड़ों की मानें तो अब तक कुल रजिस्टर्ड इवेंट्स की संख्या 109079 है। इसका मतलब है इन घटनाओं का रिकॉर्ड है। वहीं 15738 कॉल्स ऐसी रही हैं, जिन पर एक्शन नहीं लिया गया है। इस तरह की कॉल्स में कोई जानकारी या किसी तरह की पूरी सूचना नहीं थी। वहीं रोजाना की औसतन कॉलस की बात करें तो कुल 65 दिन की अवधि में हर रोज 12,072 कॉल हेल्पलाइन पर रिसीव हुई हैं।

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600 से ज्यादा ब्रांड न्यू गाड़ियां खरीदी गई थी

डायल 112 प्रोजेक्ट के लिए 600 से ज्यादा ब्रांड न्यू गाड़ियां खरीदी गई थी, कुछ गाड़ियां इससे पहले भी संबंधित थानों या चौकियों में तैनात थी। जब से ये सेवा शुरू की गई है, तब से लेकर अब तक हेल्पलाइन पर आई कॉल के आधार पर कुल अलग-अलग जिलों में 93295 वाहनों को मदद के लिए भेजा गया है। बता दें सबसे ज्यादा डिस्पैच यानि वाहनों का भेजना, वो पुलिस विभाग मामलों से जुड़ी कॉल का है। कुल 88017 जगह वाहनों को ऐसी जगह भेजा गया है जहां पुलिस की जरूरत थी। वहीं 8803 गाड़ियों को स्वास्थ्य विभाग संबंधी जरूरतों के लिए लोगों को भेजा गया है। 651 जगह फायर संबंधी घटनाओं को लेकर कॉल आई थी और वहां पर वाहनों को भेजा गया है।

Dial-112: के देश भर में चर्चे

बता दें कि डायल 112 शुरू होने के बाद देश के कई राज्यों का पुलिस विभाग व वहां की सरकारें इसमें रुचि दिखा रही हैं। इसी के चलते कई राज्यों के अधिकारी इस बारे में जानकारी लेने हरियाणा का दौरा कर चुके हैं। पंचकूला पुलिस हेडक्वार्टर व डायल 112 कंट्रोल रूम की विजिट कर इस बारे जानकारी ले चुके हैं। गत दिनों बिहार से एडीजीपी ने भी पंचकूला का दौरा किया था। इससे पहले गुजरात पुलिस के डेलीगेशन ने भी इस बारे विजिट की थी।

Dial-112: की टीम पर एक नजर

डायल 112 प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, दूरसंचार-आईटी और एएस चावला हैं। इसके अलावा आईपीएस उदय सिंह मीणा, एसपी राजेश फोगाट, एसीपी नीतेश अग्रवाल और डीएसपी नुपूर बिश्नोई भी इसमें जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं बता दें कि प्रोजेक्ट में अधिकारी व कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करते हैं। हर शिफ्ट 8 घंटे की होती है। पंचकूला कंट्रोल रूप में एक साथ 60 के बैठने की जगह है, लेकिन जरूरत के अनुसार ही कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। पंचकूला में पुलिस तो गुरुग्राम में स्वास्थ्य व फायर हेल्पलाइन स्थापित है।

प्रोजेक्ट बारे एक नजर

इस प्रणाली का संचालन लगभग 5,000 प्रशिक्षित कर्मियों, स्पॉट पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्राथमिक चिकित्सा-बॉक्स, स्ट्रेचर, अपराध निवारण किट आदि सहित 23 इन-फ्लीट आइटम से लेस 630 नए चारपहिया वाहनों और परियोजना सलाहकारों द्वारा किया जा रहा है जिसमें सी-डैक टोटल सर्विस प्रोवाइडर के रूप में कार्य कर रहा है।  डायल-112 प्रोजेक्ट के लिए पंचकूला के सेक्टर 3 में स्टेट इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (एसईआरसी) के रूप में एक अत्याधुनिक भवन का निर्माण किया गया है। आईपीएस उदय सिंह मीणा ने बताया कि जब कोई कॉल आती है तो उसे सिग्नल कहा जाता है। रिकॉर्ड में आने पर इसको रजिस्टर्ड इवेंट्स की श्रेणी में रखा जाता है। इसके बाद कॉल के नेचर के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।

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डाटे पर एक नजर

कुल कॉल रिसीव            784722
मैसेज                            38476
रजिस्टर्ड इवेंट्स                  109079
नॉन एक्शनेबल                    15738
मदद के लिए भेजे वाहन           93295
पुलिस विभाग संबंधी डिस्पैच       88017
स्वास्थ्य संबंधी डिस्पैच            8803
डायल 112 के एडीजीपी व नोडल अधिकारी एएस चावला ने कहा कि डायल-112 प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद इसके नतीजे बेहद सकारात्मक हैं। हम लोगों को निरंतर व कम से कम समय में मदद पहुंचाने की कोशिश करते हैं। जरूरतमंद पुलिस, स्वास्थ्य, फायर और अन्य किसी भी आपात मदद के लिए इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट्स को देशभर में सराहा जा रहा है।

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India News Editor

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