Ellenabad By Election
इनेलो, कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवारों पर अब सबकी नजरें
इनेलो में अभय चौटाला के साथ साथ कर्ण चौटाला के नाम की चर्चा जोरों पर
पवन शर्मा, चंडीगढ़:
Ellenabad By Election: देसवाली बेल्ट के बाद इस बार बांगड़ बेल्ट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बड़ी परीक्षा होगी। वैसे तो कई नेताओं की प्रतिष्ठा ऐलनाबाद उपचुनाव में दाव पर लगी है, लेकिन मुख्य रूप से उपचुनाव में सत्ताधारी दल की तरफ लोग ज्यादा झांकते हैं। यह चुनाव ऐसी स्थिति में होने जा रहा है, जब किसान आंदोलन ने न केवल प्रदेश सरकार, बल्कि केंद्र सरकार तक को परेशान कर रखा है।
ऐलनाबाद उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। बरोदा उपचुनाव के बाद एक बार फिर से हरियाणा के लोगों की नजरें इस चुनाव पर लग गई हैं। चौटाला परिवार का परंपरागत गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में इस परिवार का अपना महत्व है, मगर अब यह परिवार दो खेमों में बंट चुका है। अपने गृह जिले में किसका दबदबा है, यह चुनाव इस बात पर मुहर लगाएगा।
इतना ही नहीं, लगभग दो दर्जन गांवों ने यह भी घोषणा कर दी है कि वे अपने गांवों में भाजपा या जजपा नेताओं को घुसने नहीं देंगे। ऐसे में गठबंधन के लिए यह चुनाव हार-जीत की बजाए मैदान में अपने नेताओं को प्रचार में उतारने को लेकर भी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इस बात की घोषणा पहले ही हो चुकी है कि भाजपा ही इस सीट से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। अब भाजपा को जजपा का कितना सहयोग मिलेगा, यह आने वाला समय बताएगा।
वहीं इनेलो से उम्मीदवार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों के अनुसार इनेलो का प्रयास है कि पूर्व सीएम ओपी चौटाला को अगर चुनाव आयोग राहत प्रदान कर दे तो उनको उम्मीदवार बनाया जाए। लोक प्रतिनिधित्व कानून के अनुसार चौटाला अपनी रिहाई से छह वर्ष की अवधि तक अर्थात जून-2026 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते।
मगर इसके बाद भी चौटाला के पास भारतीय चुनाव आयोग के पास इस कानून की धारा 11 में याचिका दायर करने का विकल्प है, जिसमें छह वर्ष चुनाव नहीं लड़ पाने की अवधि को कम करने या पूर्णतया खत्म करने की प्रार्थना करने का विकल्प है। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर पूर्व सीएम दोबारा से मैदान में नजर आ सकते हैं। इसके अलावा कर्ण चौटाला का नाम भी गाहे-बगाहे सामने आ रहा है। मगर सबसे अधिक जो संभावना है, वह निश्चित तौर पर अभय चौटाला की है।
उधर, भाजपा अब किस नेता पर दाव खेलती है, यह तो अभी तय नहीं है, मगर कांग्रेस के पास केवल दो ही नाम मुख्य तौर पर हैं। इनमें एक भाजपा से कांग्रेस में आए पवन बैनीवाल व दूसरे भरत सिंह बैनीवाल। जहां बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना प्रभाव अपने इलाके में साबित किया, वहीं यहीं जिम्मेदारी अब कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा के सामने भी है। सैलजा सिरसा से सांसद भी रह चुकी हैं। कांग्रेस को इनेलो के गढ़ में वे कहां खड़ा कर पाती हैं, यह अब समय बताएगा।
राजनीति में पूरी तरह से पारंगत हो चुके सीएम मनोहर लाल ऐलनाबाद उपचुनाव के मध्यनजर कोई मास्टर स्ट्रोक खेल सकते हैं। ऐसे में सभी लोगों को इसका इंतजार है। भाजपा ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। इसके अलावा डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, विधायक कमल गुप्ता सुभाष बराला के सहयोगी होंगे। इसके साथ साथ 3 अक्टूबर को फिर से भाजपा कोर कमेटी की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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