इंडिया न्यूज़, Haryana Municipal Election Results 2022 : स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों के साथ लंबे समय से शहरी सरकार बनने का इतजार भी खत्म हो गया है। नगर परिषद व न नगर पालिका के चुनावी नतीजों ने एक बार फिर से भाजपा का लोगों को पहली पसंद के तौर पर देखा गया है। चुनावी परिणामों के अनुसार दस नगर परिषद व नौ पालिकाओं पर भाजपा व जजपा गठबंधन ने कब्जा किया है। सबसे अधिक दस नगर परिषद के प्रधान पद पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
सबसे खास बात यह है विजेताओं में वे उम्मीदवार भी शामिल हैं जिन्होंने भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। भाजपा नेताओं की मानें तो अब निर्दलीय विजेता भी भाजपा का दोबारा से दामन थाम लेंगे क्योकि वे भी इसी परिवार का हिस्सा हैं।
भिवानी नगर परिषद चुनाव में 4305 वोटों से जीती प्रीति
निर्दलीय के तौर पर भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले भिवानी के भवानी प्रताप की पत्नी प्रीति ने भिवानी नगर परिषद चुनाव में 4305 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्हें कुल 25912 वोट मिले। आम आदमी पार्टी से इंदु शर्मा 21607 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रही। इंदु शर्मा पूर्व मंत्री वासुदेव शर्मा की पुत्रवधू जबकि तीसरे स्थान पर रही निर्दलीय प्रत्याशी मीनू अग्रवाल प्रदेश में बंसीलाल सरकार में गृहमंत्री रहे बाबु रामभजन अग्रवाल की पौत्रवधू है। भाजपा उम्मीदवार प्रीति हर्षवर्धन मान 16043 वोट प्राप्त कर चौथे स्थान पर रहीं।
भाजपा ने जिन स्थानों पर जीत दर्ज की है उनमें गोहाना, जींद, झज्जर, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, कालका, सोहना, फतेहाबाद, कैथल, पलवल में पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। नूंह में अध्यक्ष पद पर जजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। एक सीट पर इनेलो ने भी बाजी मारी है। मंडी डबवाली में इनेलो समर्थित अध्यक्ष पद पर जीता है। इसके साथ साथ टोहाना, भिवानी, होडल, हांसी, नरवाना, नारनौल निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
जिस तरह से चुनावी परिणाम आए हैं उससे साफ है कि भाजपा को लोग अब भी पहली पसंद मान कर चल रहे हैं। नगर पालिकाओं में भी भाजपा या उससे बागी हुए लोग ही अधिकतर स्थानों पर विजेता रहे हैं। जीत के बाद लगभग सभी ने इस बात को माना भी है कि उनकी आस्था भाजपा में ही है।
कांग्रेस इन चुनावों में निर्दलीयों को समर्थन दे रही थी। भिवानी, दादरी, नारनौल, महेंद्रगढ़ में कांग्रेस नेतओं ने जिन लोगों के पक्ष में रोड शो किए व वोट मांगे उनमें से अधिकतर को हार का सामना ही करना पड़ा है।
जीत के बाद जश्न का माहौल
पूरे प्रदेश में जैसे ही चुनावी नतीजे घोषित हुए तो विजेताओं ने जीत का जश्न शुरू कर दिया। हालांकि गृहमंत्रालय ने इस बात पर विशेष निगरानीे के आदेश प्रशासन को दिए थे कि कहीं भी उपद्रव या दंगे का माहौल न बने। इसीलिए सभी उपायुक्तों ने आदेश जारी कर दिए थे कि जब तक इजाजत न मिले तब तक शहर में किसी भी प्रकार का जुलूस न निकाला जाए।