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LPG Pipeline : उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन द्वारा डाली जा रही एलपीजी पाइपलाइन का किसानों ने किया विरोध, जानें क्या है इस विरोध की वजह 

BY: • LAST UPDATED : February 11, 2025
  • रेट रिवाइज कर मुआवजा देने की की मांग

India News Haryana (इंडिया न्यूज), LPG Pipeline : उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन द्वारा ददलाना गांव के खेतों में डाली जा रही एलपीजी पाइपलाइन का किसानों ने विरोध शुरू कर दिया और अपने खेतों में पाइपलाइन डालने के लिए मना कर दिया। किसानों की मांग है कि जब तक उन्हें उनकी जमीन का रेट रिवाइज होकर मुआवजा नहीं दिया जाता तब तक वे पाइपलाइन नहीं डालने देंगे। इसके लिए चाहे उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़े या कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े। सूचना मिलते ही उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन के महाप्रबंधक विशाल गोरख मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया परंतु किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे।

LPG Pipeline : हम अब अपने खेतों से कोई पाइपलाइन नहीं डालने देंगे

मंगलवार सुबह ब्लॉक समिति अध्यक्ष पानीपत दीपक राणा के नेतृत्व में शमशेर सिंह राणा, किरणपाल, सोनी, राकेश, सुभाष, नीटू, मजनू रावल आदि सहित दर्जन भर किसानों ने एकत्रित होकर उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन द्वारा खेतों में डाली जा रही एलपीजी पाइपलाइन का विरोध शुरू कर दिया और अपने खेतों में नई पाइपलाइन न डालने देने का निर्णय लिया। किसानों ने बताया कि उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन अधिकारी साल दो साल में पाइपलाइन की रिपेयर का काम करवाया जाता है।

जिसके लिए उन्हें खराब हुई फसल का नाममात्र का मुआवजा दिया जाता है। और जहां पर यह रिपेयर का काम किया जाता है वहां पर लगभग 2 वर्षों तक बहुत ही कम फसल पैदा होती है। किसानों ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने अपने खेतों से एक पाइपलाइन डालने के लिए जमीन दी थी। परंतु उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन द्वारा अब तक यहां से दो पाइपलाइनें डाली जा चुकी है और अब तीसरी पाइपलाइन डाली जा रही है। जो सरासर गलत है हम अब अपने खेतों से कोई पाइपलाइन नहीं डालने देंगे। इसके लिए चाहे उन्हें कुछ भी करना पड़े।

नाममात्र दिया था मुआवजा

किसानों ने बताया कि जब उनके खेतों में से पाइपलाइन डाली गई थी उस समय एक पाइप लाइन डालने के लिए कहा गया था और मुआवजा भी नाममात्र का दिया गया था। उसके बाद एक और पाइपलाइन यहां से डाली गई तब किसानों ने इसको विरोध नहीं किया। परंतु उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन अब एक निजी फर्म के साथ मिलकर यहां से तीसरी पाइपलाइन और डाल रही है जिसका हम विरोध करते हैं और यहां से पाइपलाइन नहीं डालने देंगे।

रेट रिवाइज होकर मिले मुआवजा

किसानों ने कहा कि यदि यहां से पाइपलाइन निकालनी है तो उन्हें उनकी जमीन का रेट रिवाइज होकर मुआवजा मिलना चाहिए। अभी हाल ही में दूसरी तरफ पाइपलाइन निकाली गई है। जितना मुआवजा उन किसानों को दिया गया है हमें भी उतना ही मुआवजा दिया जाए।

पाइपलाइन निकलने से जमीन के रेट हो जाते हैं कम

किसानों का कहना है कि उनके खेत में जहां से पाइपलाइन निकाली जाती है उनके रेट बहुत ही कम हो जाते हैं चाहे वह सड़क पर ही क्यों न लगती हो। उन्होंने बताया कि जिस खेत में से पाइपलाइन निकल जाती है वहां पर पहले तो खरीदार ही नहीं आते अगर आते भी हैं तो उनकी जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदना चाहते हैं।

उचित मुआवजा किसानों को दिया जाएगा

वहीं इस संबंध में विशाल गोरख, महाप्रबंधक उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन ने कहा इस पाइपलाइन के डालने से किसानों की जो फसल खराब होगी उत्तरी क्षेत्रीय पाइपलाइन द्वारा उसका उचित मुआवजा किसानों को दिया जाएगा। और जहां पर पाइपलाइन डाली जाएगी उस खेत का लेवल करके दिया जाएगा। इस जमीन के रेट रिवाइज के बारे में हम कुछ नहीं बोल सकते।

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