11 सदस्यीय कमेटी को बातचीत के लिए बुलाया
रमेश सरोय
इंडिया न्यूज, करनाल:
नई अनाजमंडी में किसान महापंचायत में संयुक्त किसान यूनियन के आह्वान पर हजारों किसान जुट रहे हैं। किसानों के जिला सचिवालय के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ है लेकिन बावजूद किसान हजारों की संख्या में अनाजमंडी में सरकार-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं किसानों के प्रदर्शन के ऐलान के बाद प्रशासन के हाथ-पांव भी फूले हुए हैं। विरोध प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैट, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, बलबीर राजोवाल सहित काफी संख्या में संयुक्त किसान यूनियन के नेता पहुंच चुके हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने किसान नेताओं की 11 सदस्यीय कमेटी को बातचीत के लिए लघु सचिवालय बुलाया, ताकि सुलह का रास्ता निकाला जा सके। लेकिन अब तक प्रशासन और किसान प्रतिनिधियों के बीच कोई रास्ता नहीं निकल सकता। उधर धीरे-धीरे नई अनाजमंडी में किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एसपी-डीसी भी शहर में दौरा कर रहे है।
आखिर क्या है पूरा मामला
काबिलेगौर है कि 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने जिला सचिवालय करनाल के घेराव का ऐलान किया था। किसानों ने तीन मांगें प्रशासन के समक्ष रखी थी, जिन्हें सरकार व प्रशासन ने नहीं माना। किसानों की मांगों में मृतक किसान सुशील काजल रायपुर जाटान के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा व लाठीचार्ज के आरोपी अधिकारियों-पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया जाए।