Delhi Assembly Election: क्यों नहीं छूट पाती मतदान के दौरान लगी हुई उंगली पर स्याही? जानिए किस केमिकल का होता है इस्तेमाल

India News Haryana (इंडिया न्यूज),Delhi Assembly Election: दिल्ली में आज यानी 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। 1.56 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मतदान के बाद उंगली पर जो स्याही लगाई जाती है, वह इतनी मजबूत क्यों होती है कि कई दिनों तक नहीं छूटती? आखिर इसमें ऐसा कौन सा केमिकल होता है? आइए, जानते हैं इस चुनावी स्याही का पूरा राज़।

  • चुनावी स्याही क्यों लगाई जाती है?
  • क्या है इस स्याही का रहस्य?
  • कैसे काम करती है यह स्याही?

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चुनावी स्याही क्यों लगाई जाती है?

जब कोई वोट डालता है तो चुनाव अधिकारी उसकी उंगली पर स्याही लगाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि कोई व्यक्ति दोबारा वोट न डाल सके। यह स्याही इतनी प्रभावशाली होती है कि इसे हटाना आसान नहीं होता। इसे ‘इंडेलिबल इंक’ कहा जाता है, जिसका मतलब है ‘मिटने न वाली स्याही’।

क्या है इस स्याही का रहस्य?

चुनावों में इस्तेमाल होने वाली स्याही में सिल्वर नाइट्रेट (Silver Nitrate) नामक केमिकल होता है। जब यह स्याही उंगली पर लगती है, तो शरीर में मौजूद नमक के संपर्क में आते ही सिल्वर क्लोराइड बन जाता है। यह एक ऐसा पदार्थ है जो पानी में नहीं घुलता और रोशनी के संपर्क में आते ही गहरा हो जाता है। यही कारण है कि मतदान के बाद यह स्याही उंगली पर कई दिनों तक बनी रहती है।

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कैसे काम करती है यह स्याही?

मतदान केंद्र पर अधिकारी मतदाता की उंगली पर नीली स्याही लगाते हैं।
इसमें मौजूद सिल्वर नाइट्रेट त्वचा से मिलकर रासायनिक प्रतिक्रिया करता है।
सूरज की रोशनी पड़ते ही यह स्याही और गहरी हो जाती है।
स्याही में मिला एल्कोहल इसे तेजी से सूखने में मदद करता है, जिससे यह केवल 40 सेकंड में पूरी तरह सूख जाती है।
एक बार उंगली पर निशान पड़ने के बाद यह पानी या साबुन से नहीं मिटता।
भारत करता है दुनिया में सप्लाई
दिलचस्प बात यह है कि चुनावी स्याही सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में इस्तेमाल होती है। भारत की मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड इस स्याही का निर्माण करती है और इसे कनाडा, घाना, नाइजीरिया, मंगोलिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और मालदीव जैसे देशों को निर्यात किया जाता है।

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