इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
(Panchkula Becomes 3rd Metropolis of Haryana) हरियाणा में अब 3 महानगर हो गए हैं। पहले गुरुग्राम और फरीदाबाद ही महानगर थे और इसी कैटेगरी में पंचकूला भी शामिल हो गया है। इस महीने गत मानसून सत्र में सरकार द्वारा इसको लेकर विधेयक लाया गया था और इसे पास कर दिया गया था। इसको पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण( पीएमडीए) कानून नाम दिया गया जिसको राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके बाद 9 सितंबर को इसको हरियाणा सरकार के गजट में भी प्रकाशित कर दिया गया है। वहीं ये मामला भी निरंतर चर्चा है कि पंचकूला की जनसंख्या एक महानगर के लिए जितनी होना जरुरी है, वो नहीं है। मामले को लेकर एक्सपर्ट्स निरंतर अपनी अपनी राय दे रहे हैं। हालांकि सरकार द्वारा कई बार कहा है कि पंचकूला को गुरुग्राम की तर्ज पर विकसित करना है। इसके लिए उपरोक्त कदम उठाया जाना जरुरी था।
पंचकूला का उतना विकास नहीं हो पाया जितना होना चाहिए था। पड़ोसी राज्य पंजाब के मोहाली और देश की राजधानी चंडीगढ़ की तुलना में पंचकूला विकास के मामले में पीछे रह गया। ऐसे में सरकार ने पंचकूला को महानगर बनाया है और कई नए व बड़े प्रोजेक्ट्स यहां शुरू किए हैं ताकि पंचकूला को विश्व पटल पर लाया जा सके और इस दिशा में काम भी शुरू हो चुका है।
मामले को लेकर एक्सपर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उपरोक्त कानून औपचारिक रूप से तभी लागू होगा जब प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा इसे लागू करने की नोटिफिकेशन जारी की जायेगी जिसमें इसकी विभिन्न धाराओं को लागू करने के लिए अलग अलग नोटिफिकेशन भी जारी की जा सकती है।
वहीं इसी कड़ी में आगे हेमंत ने ये भी बताया कि राज्य सरकार विधानसभा से हेमंत ने बताया कि प्रदेश सरकार विधानसभा से कानून बनवाकर राज्य के किसी उपयुक्त क्षेत्र के लिए महानगर विकास प्राधिकरण गठित करने के लिए कानूनी रूप से सक्षम हैं । इसी 2017 में गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए ) कानून, 2017 और वर्ष 2018 में फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एफएमडीए ) कानून भी बनाया गया था. हालांकि पीएमडीए के सम्बन्ध में एक रोचक और महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न यह खड़ा होता है कि क्या गुरुग्राम और फरीदाबाद की तर्ज पर पंचकूला के लिए मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी बनायीं जा सकती है क्योंकि वर्तमान में पंचकूला की आबादी/जनसँख्या 10 लाख से कम है।
महानगर के परिपेक्ष में जनसंख्या की बात करें तो इसकी भी गहराई में जाना जरुरी है। 29 जुलाई 2020 को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग की नोटिफिकेशन अनुसार पंचकूला नगर निगम क्षेत्र की आबादी 317476 है। 24 नवंबर 2020 की विभाग को नोटिफिकेशन अनुसार कालका नगर परिषद में शामिल क्षेत्र की आबादी124012 है। इसमें पिंजौर का शहरी क्षेत्र भी शामिल है। इस प्रकार उपरोक्त दोनों को मिलकर पंचकूला के शहरी क्षेत्र की कुल जनसँख्या करीब साढ़े 4 लाख है। ये 10 लाख से के आधे से भी कम है। जहां तक पंचकूला जिले के ग्रामीण क्षेत्र का विषय है तो प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा इसी साल अप्रैल महीने में जारी नोटिफिकेशन अनुसार जिले में चार ब्लॉक – बरवाला, मोरनी, पिंजौर और रायपुर रानी है। इन सभी में ग्राम पंचायतो की कुल संख्या 135 है। पंचकूला जिला परिषद की कुल 15 सीटें है। अब चूँकि इस सारे ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या साढ़े 5 लाख नहीं हो सकती है। ऐस में साफ है पंचकूला जिले की वर्तमान जनसंख्या 10 लाख से कम है।
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