Punishment Will Be Announced Today For 5 Including Deramukhi Ram Rahim
इंडिया न्यूज, पंचकूला
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को आज रणजीत सिंह हत्याकांड में सजा सुनाई जानी है। पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सजा का ऐलान किया जाएगा। डेरामुखी राम रहीम रोहतक की सुनारियां जेल में कैद है वहीं से उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जानी है। वहीं अन्य दोषी कृष्ण लाल, सबदिल, अवतार और जसबीर प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश होंगे।
पंचकूला में धारा 144 लागू
वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पंचकूला में धारा-144 लगा दी गई है। पंचकूला डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस मोहित हांडा के आदेश हैं कि पंचकूला में 5 या उससे अधिक लोग इकट्ठा नहीं होंगे। डेरामुखी राम रहीम समेत 5 दोषियों को सजा सुनाए जाने के चलते जान-माल के नुकसान, तनाव पैदा करने, शांति भंग करने और दंगों की आशंकाओं को देखते ही उक्त धारा लगाई गई है।
कोई भी हथियार लेकर चलने पर होगी पूर्ण पाबंदी
प्रशासन द्वारा इस स्थिति में कोई भी हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंद्ध लगा दिया है। पंचकूला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के साथ लगते सेक्टर 1, 2, 5, 6 और संबंधित क्षेत्र में पड़ने वाले नेशनल हाईवे पर किसी भी व्यक्ति के तलवार (धार्मिक प्रतीक कृपाण के अलावा) लाठी, डंडा, चाकू, लोहे की रॉड, बरछा, गंडासी आदि लेकर घूमने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ये है रणजीत सिंह हत्याकांड (Punishment Will Be Announced Today For 5 Including Deramukhi Ram Rahim)
2002 को सच्चा सौदा डेरे की मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने ही साध्वी यौन शोषण मामले में अपनी बहन से गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया। मामले में सीबीआई ने डेरामुखी राम रहीम समेत 5 के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 8 अक्टूबर 2021 को सीबीआई ने उन्हें दोषी करार दे दिया था।
रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में पहले ही डेरामुखी को हो चुकी उम्रकैद (Punishment Will Be Announced Today For 5 Including Deramukhi Ram Rahim)
डेरे में साध्वियों के यौन शोषण से जुड़े केस में जो लेटर लिखे गए, उन्हीं के आधार पर सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। इन खबरों के बाद रामचंद्र छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। लेकिन वे धमकियों के आगे नहीं झुके जिस पर उन्हें 24 अक्टूबर, 2002 को सिरसा में रामचंद्र छत्रपति के घर के बाहर उन्हें गोली मार दी गई। जिसके बाद 21 नवंबर, 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र छत्रपति ने दम तोड़ दिया।
(Punishment Will Be Announced Today For 5 Including Deramukhi Ram Rahim)