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राज्यसभा में जाने की हर संभव कोशिश में जुटे भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज, टिकट मांग रहे नेताओं की लंबी कतार

India News Desk • LAST UPDATED : May 26, 2022, 10:35 pm IST

डा. रविंद्र मलिक, Haryana News। Rajya Sabha elections : देश भर (country) में जल्दी ही अगले महीने 10 जून को 57 सीटों (57 seats) पर राज्यसभा चुनाव होने हैं और 2 सीटें ऐसी हैं जो हरियाणा में भी खाली हो रही है। इन दोनों सीटों पर मुख्य रूप से भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) की ही नजर है।

एक सीट जहां भाजपा (BJP) के हिस्से में विधायकों की संख्या को देखते हुए पक्की है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ हद तक दूसरी सीट पर फिलहाल तक कांग्रेस (Congress) की दावेदारी पुख्ता मजबूत है। लेकिन पार्टी के अंदर जारी घमासान के चलते संभावना है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक रहा तो यह सीट पार्टी के हाथ से छिटक सकती है।

पर्दे के पीछे के कार्यकर्ता भी राज्यसभा में जाने के देख रहे सपने

Rajya Sabha elections-elections will be held on 57 seats in country

बता दें कि दोनों पार्टियों के कई दिग्गज जो फिलहाल विधायक या सांसद नहीं बना पाए या फिर पार्टी किसी पद पर नहीं है और पर्दे के पीछे ही भूमिका निभा रहे हैं या फिर विश्राम की मुद्रा में है, उनमें से कई निरंतर कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह से राज्यसभा पहुंचा जाए अपने आकाओं के साथ निरंतर संपर्क में है और लाबिंग कर रहे हैं कि उनको वह राज्यसभा भेज दिया जाए ताकि उनका भी राजनीतिक अस्तित्व बना रहे।

टिकट के भाजपा में ज्यादा दावेदार

दोनों ही पार्टियों में राज्यसभा की सीट को लेकर स्पर्धा जारी है फिलहाल भाजपा (BJP) में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है तो वहीं कांग्रेस में दावेदारों की संख्या बेशक कम हो लेकिन पार्टी दिग्गजों के बीच आपसी कलह ने मामले को काफी जटिल बना दिया है। ऐसे में यह देखना बेहद रोचक होगा कि दोनों में से कौन सी पार्टी किस को राज्यसभा पहुंचाती है।

सत्ताधारी भाजपा में आधा दर्जन टिकट के दावेदार, कई हारे हुए केबिनेट मिनिस्टर भी

यूं तो फिलहाल भाजपा (BJP) में राज्यसभा जाने के इच्छुक ऐसे दिग्गजों की लंबी फेहरिस्त है। जो कैबिनेट मिनिस्टर पिछली बार चुनाव हार गए थे और वह निरंतर व्यक्तिगत रूप से नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। इनमें से एकाध को छोड़कर बाकी फिलहाल पार्टी में विश्राम की मुद्रा में हैं।

धनखड भी पद की दौड़ में

बादली से चुनाव हारने वाले ओपी धनखड़ प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने में सफल रहे तो बाकी अन्य फिलहाल किसी पद पर नहीं है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो धनखड़ भी पद की दौड़ में निरंतर बने हुए हैं वही उनके अलावा चुनाव हारने वालों में पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, विपुल गोयल और रामविलास शर्मा का नाम निरंतर दावेदारी के रूप में सामने आ रहा है।

दुष्यंत गौतम को ही दोबारा राज्यसभा भेज सकती है पार्टी

इनके अलावा भी कई और दिग्गज है जो राज्यसभा जाने के लिए निरंतर भागदौड़ कर रहे हैं हालांकि अंतिम फैसला तो पार्टी हाईकमान के ऊपर ही है कि किसकी लाटरी लगेगी। वहीं ये भी जानकारी सामने आ रही है कि पार्टी दुष्यंत गौतम को ही दोबारा राज्यसभा भेज सकती है या फिर बाहर से ही किसी पार्टी दिग्गज को लांच किया जाए।

कांग्रेस में भी कई दावेदार, सभी धड़े जुटे लामबंदी में

कांग्रेस (Congress) सत्ताधारी भाजपा के बाद हरियाणा में दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। क्योंकि पार्टी कई मोर्चों पर निरंतर जूझ रही है। मुख्य रूप से पार्टी के दिग्गजों के बीच कलह जारी है और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई जारी है। पार्टी में भी कई ऐसे दिग्गज है जो पार्टी की तरफ से फिलहाल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं देख रहे हैं और राज्यसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं।

कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में सबसे प्रमुख नाम कुमारी शैलजा का

टिकट के दावेदारों में सबसे प्रमुख नाम आ रहा है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का, जो कई बार सांसद भी रह चुकी हैं। उनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का नाम भी रह-रहकर इस दावेदारी में सामने आ रहा है।

पिछली बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेटे दीपेंद्र को राज्यसभा ले जाने में रहे थे सफल

वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष व फिलहाल अपने खेमे से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनवाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की निरंतर कोशिश है कि उनके ही किसी चाहने वाले को राज्यसभा भेजा जाए जो कि फिलहाल संभव नहीं लग रहा है।

क्योंकि पिछली बार वह अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा ले जाने में सफल रहे और इसके चलते कुमारी शैलजा और उनके बीच लंबी लकीर खींच गई जो अंत तक जारी रही।

इसके बाद वह खुद नेता प्रतिपक्ष है तो वहीं कुछ दिन पहले ही उनके वफादार उदय भान की प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर ताजपोशी की गई है। एक तरह से कहें तो वह प्रदेश कांग्रेस (Congress) पर पूरी तरह से एक तरफा काबिज हैं। ऐसे में इसके चलते उनके खेमे के किसी नेता को राज्यसभा भेजे जाने की संभावना कम ही नजर आती है।

कांग्रेस के नाराज नेता कुलदीप बिश्नोई के चलते दूसरी सीट पर सबकी नजर

यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे पार्टी दिग्गज कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) की नाराजगी को देखते हुए राज्यसभा की दूसरी सीट को लेकर चुनाव रोचक हो सकता है। पिछले कुछ समय से कुलदीप ने पार्टी हाईकमान व हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

सीएम मनोहर लाल से मुलाकात कर चुके हैं कुलदीप बिश्नोई

बीच में वो सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) से मुलाकात कर चुके हैं। माना जा रहा कि फिलहाल वो कांग्रेस में अपनी कमजोर स्थिति को देखते हुए राजनीतिक मोल भाव में लगे हैं। हो सकता है कि भाजपा उनको अपने यहां ज्वाइन करवा ले लेकिन वो बदले में क्या चाहते हैं इसको लेकर जमकर मंथन जारी है।

कांग्रेस के पास 30 विधायक रह जाएंगे कुलदीप बिश्नोई के जाने के बाद

अगर वो भाजपा में चले गए तो कांग्रेस (Congress) के पास 30 विधायक रह जाएंगे और दूसरी सीट पार्टी के हिस्से आना दूर की कौड़ी साबित होगा। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस दोनों कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi)  के हर कदम व गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।

ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi)  का अंतिम फैसला क्या हो और उसके बाद चीजें साफ हो पाएंगी। वह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस (Congress) के कुछ अन्य नेता भी राज्यसभा टिकट की दावेदारी में लगे हैं लेकिन हालात उनके कोई ज्यादा पक्ष में नहीं हैं।

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