किसानों को जबरदस्ती सामान देने पर रद होगा खाद बीज दुकानदार का लाइसेंस
कृषि विभाग ने सभी उप निदेशकों को दिए आदेश
पवन शर्मा, चंडीगढ़:
एक दवा मांगने पर किसान को तीन तरह की पेस्टीसाइड थमाने वाले दुकानदारों की अब खैर नहीं है। अगर किसान ने इस तरह की शिकायत कृषि अधिकारी को दी तो आरोपी दुकानदार के खिलाफ न केवल कानूनी कार्रवाई होगी बल्कि उसका लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। कृषि विभाग ने प्रदेशभर से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इस प्रकार निर्णय लिया है। इतना ही नहीं प्रत्येक जिले में अब टीमों का गठन किया गया है जो दुकानदारों के यहां जाकर पूछताछ भी करेगी। कृषि विभाग के पास खाद व बीज बेचने वाले दुकानदारों की शिकायतें आ रही थी कि जब भी कोई किसान बाजार से डीएपी या यूरिया लेने जाता है तो ऐसे में उक्त दुकानदार किसानों को जिंक, सल्फर या अन्य दवाईयां जबरदस्ती देने की कोशिश करता है व सरकार द्वारा निर्धारित रेट से ज्यादा पैसे ले लेता है। इसके साथ-साथ दवा कंपनियों के मार्केटिंग एजेंट दुकानों पर बैठ कर खाद व बीज खरीदने आए किसानों को अपनी कंपनी की दवाएं खरीदने पर भी दबाव डालते हैं। ऐसे में दुकानदार अपने फायदे के लिए किसानों से रुपए ऐंठ लेते है और किसान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान सहना पड़ रहा है।
लगातार मिल रहीं थी शिकायतें : दलाल
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि उन्हे लगातार शिकायतें मिल रही थी कि किसानों के साथ दुकानदार जबरदस्ती कर रहे हैं तथा उन्हे बिना मतलब की दवाएं भी बेच रहे हैं। इसके बाद सभी कृषि उप निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अपने जिलों में टीमों का गठन करें। ये टीमें बाजार में जाकर सभी दुकानों की की जांच करेंगी। यदि कोई भी दुकानदार किसी भी प्रकार अनियमितता का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी भी खाद व बीज बेचने वाले दुकानदार की शिकायत विभाग के पास आई तो विभाग उस दुकानदार पर जुर्माना लगाएगा व दुकानदार का लाईसेंस भी जब्त कर सकता है।