इंडिया न्यूज़:(Birth of Kalpana Chawla and Saina Nehwal) बीते दिन हरियाणा के लिए बेहद खास दिन था। क्योंकि एक ही दिन देश के दो ऐसे महान बेटीयों को जन्म हुआ जो पूरे विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया है। कल्पना चावला और सायना नेहवाल का जन्म एक ही दिन हुआ था। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल किया है तो वही कल्पना चावला की बात करें तो कल्पना ने अंतरिक्ष तक भारत का नाम बुलंद करने में कोई कसर नही छोड़ी।
- हरियाणा के लिए ये दिन बेहद खास
- बचपन से ही कल्पना ने देखे थे अंतरिक्ष के सपने
- साइना ने कई पुरस्कार किया है अपने नाम
हरियाणा के लिए ये दिन बेहद खास
कल का दिन हरियाणा के लिए बेहद खास दिन है। क्योंकि हरियाणा के ही दो महान बेटीयों का जन्म हुआ था। हरियाणा के करनाल में जन्मीं कल्पना चावला जो कि अंतरिक्ष में पहुचनें वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया वही दूसरी ओर हिसार में जन्मी बैडमिंटन जगत की सिरमौर खिलाड़ी सायना नेहवाल जो अपनी उपलब्धियों से पुरे विश्व भर में अपनी पहचान बनाई हुई है ।
बचपन से ही कल्पना ने देखे थे अंतरिक्ष के सपने
भारतीय मूल की अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल और माता का नाम संज्योती चावला था। कल्पना बेहद कम उम्र से ही अंतरिक्ष में जाने के सपने देखने लगीं थी। और उनका सपना एक दिन पुरा हुआ और नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर साल 1995 शामिल हो गई 1998 में उनके पहली उड़ान का चयन हुआ और अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली भारतीय महिला बन गई। अपनी पहली यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए थे। और पृथ्वी की 252 चक्कर लगाए थे। हालांकि 1 फरवरी 2003 में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया से अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद वह धरती पर लौट रही थी लेकिन इससे पहले ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। और इस हादसे में सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।
साइना ने कई पुरस्कार किया है अपने नाम
विश्व रैंकिंग में नंबर वन प्लेयर का खिताब पाने वाली साइना नेहवाल पहली भारतीय खिलाड़ी रही हैं। साइना को खेल के क्षेत्र में दिये गये उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री, पद्म विभूषण से लेकर राजीव गांधी खेल रत्न से भी नवाजा जा चुका है सिर्फ इतना ही नही साइना ने बैडमिंटन कोर्ट में 24 अंतर्राष्ट्रीय टाइटल्स अपने नाम किया साल 2012 में लंदन में खेले गए ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर सभी को चौंका दिया था, वो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं थी।
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