निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व कुलसचिवों की हरियाणा राजभवन में हुई कार्यशाला
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की कार्यशाला की अध्यक्षता
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने तक के संस्थान न बनें, बल्कि वे प्लेसमेंट तक की चिंता करें। गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारयुक्त शिक्षा दें, ताकि विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना प्रगाढ़ हो। मुख्यमंत्री ने यह बात गुरुवार को यहां हरियाणा राजभवन में आयोजित प्रदेशभर के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला की अध्यक्षता राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की। इस दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल और हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर बीके कुठियाला भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए अनेक कदम उठा रही है। शिक्षकों की आनलाइन तबादला नीति भी गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। इस नीति से शिक्षकों को बहुत अधिक लाभ मिला है। घर के नजदीक स्टेशन मिलने से शिक्षक पढ़ाई कराने पर फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा भी हरियाणा सरकार अनेक योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सुपर 100 कार्यक्रम एक बेहतरीन कार्यक्रम सिद्ध हो रहा है। शुरुआत में दो स्थानों पर शुरू किए गए इस कार्यक्रम से गरीब परिवारों के 72 विद्यार्थियों का मेडिकल व 23 विद्यार्थियों का आईआईटी में दाखिला हुआ है। अब इसे विस्तार देते हुए 4 स्थानों पर सुपर 100 कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया गया है। हमें उम्मीद है कि इसके बेहतरीन परिणाम आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हमारा उद्देश्य हर जिले में विश्वविद्यालय स्थापित करना है ताकि विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार उच्च शिक्षा के लिए निरंतर नए संस्थान खोलने का कार्य कर रही है। नई शिक्षा नीति के तहत केजी-टू-पीजी प्रोग्राम के तहत दो विश्वविद्यालयों ने काम शुरू कर दिया है। भविष्य में इस प्रोग्राम को और विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षाविदों का आह्वान किया कि वे संस्कारयुक्त शिक्षा पर जोर दें। ऐसा करने से अपराध व भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। संस्कारयुक्त शिक्षा से विद्यार्थी के मन में स्वयं ही अच्छे भाव पैदा होंगे। इसके साथ-साथ उन्होंने ऐसी शिक्षा देने पर भी जोर दिया जिससे विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना और देश के प्रति मर मिटने का भाव जगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को छात्रों को डिग्री देने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनकी प्लेसमेंट तक की चिंता करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने एलूमिनी मीट पर जोर दिया। वहीं इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करने के लिए भी योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि पौधरोपण को विद्यार्थियों की इंटरनल एसेसमेंट से जोड़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य अंतोदय है। उसी के निमित हमने परिवार पहचान पत्र की योजना पर काम शुरू किया हुआ है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेशभर के 64 लाख परिवारों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इस सर्वे के लिए 5-5 लोगों की लोकल टीमें बनाई गई हैं, इनमें एक कॉलेज या विश्वविद्यालय का विद्यार्थी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इसमें सहयोग करने का आह्वान किया। इससे हमें परिवार का रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। यह डाटा प्रत्येक बच्चे को ट्रैक करने में सहयोगी सिद्ध होगा। इससे हम जीरो ड्रॉप आउट के लक्ष्य को 2024 तक पूर्ण कर लेंगे। इसके तहत 3 वर्ष से 18 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को ट्रैक करके उसे स्कूल तक लाने का काम किया जाएगा।
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