India News (इंडिया न्यूज), Lung Cancer Symptoms: फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमें फेफड़ों की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, यदि इस बीमारी का पता शुरुआती चरण में लग जाए, तो इसका इलाज अपेक्षाकृत सरल हो सकता है और परिणाम बेहतर हो सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम इसके शुरुआती लक्षणों को समझें और उन्हें नज़रअंदाज़ न करें।

फेफड़ों के कैंसर के मामले और स्थिति

वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड के अनुसार, साल 2022 में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 2.4 मिलियन नए मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश मामलों में धूम्रपान एक मुख्य कारण था। WHO का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर का अक्सर उन्नत चरणों में निदान किया जाता है, जब उपचार के विकल्प सीमित हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते।

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फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण

फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को जानना और समय पर उनकी पहचान करना आवश्यक है। यहां कुछ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं:

1. लगातार खांसी

  • यदि खांसी लंबे समय तक बनी रहती है या समय के साथ खराब होती जाती है, तो यह फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
  • यदि आपको कई हफ्तों तक खांसी रहती है, तो चिकित्सक से जांच करवाना अनिवार्य है।

2. सांस लेने में कठिनाई

  • फेफड़ों के कैंसर से सांस की नली प्रभावित हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई या बार-बार सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
  • यदि बिना किसी स्पष्ट कारण के आपको सांस लेने में समस्या हो रही है, तो यह डॉक्टर से परामर्श लेने का समय है।

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3. सीने में दर्द या बेचैनी

  • गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने के दौरान सीने में दर्द होना फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • यह कैंसर के सीने की संरचनाओं जैसे प्लूरा या पसलियों को प्रभावित करने के कारण हो सकता है।

4. अचानक वजन घटना

  • बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज में बदलाव के वजन का अनजाने में कम होना, कैंसर का एक सामान्य संकेत हो सकता है।
  • कैंसर कोशिकाएं शरीर की ऊर्जा और पोषक तत्वों का उपभोग करती हैं, जिससे वजन घट सकता है।

5. आवाज़ में बदलाव

  • यदि स्वरयंत्र को नियंत्रित करने वाली नसों पर प्रभाव पड़ता है, तो आवाज़ बैठ सकती है या उसमें स्थायी बदलाव हो सकता है।
  • यदि आवाज़ में परिवर्तन कुछ हफ्तों से अधिक समय तक बना रहता है, तो इसकी जांच आवश्यक है।

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6. बार-बार श्वसन संक्रमण

  • फेफड़ों के कैंसर से निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • यदि आपको बार-बार श्वसन संक्रमण हो रहा है या उबरने में कठिनाई हो रही है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

फेफड़ों के कैंसर से बचाव के उपाय

  1. धूम्रपान से बचें: फेफड़ों के कैंसर के मामलों में धूम्रपान एक बड़ा कारण है।
  2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: पोषणयुक्त आहार और नियमित व्यायाम फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
  3. प्रदूषण से बचाव: वायु प्रदूषण के संपर्क में कम से कम रहने की कोशिश करें।
  4. स्वास्थ्य जांच: यदि आप किसी जोखिम समूह में हैं, तो नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।

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फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती चरण में निदान इसके उपचार को आसान और प्रभावी बना सकता है। इसलिए, इसके शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और समय पर चिकित्सीय सलाह लें। याद रखें, जागरूकता और सतर्कता ही स्वास्थ्य का सबसे बड़ा आधार है।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।