Water Fasting: खुद को फिट रखने के लिए हम तरह-तरह के प्रयोग करते हैं। कोई एक्सरजाइज करता है कोई डाइटिंग। वैसे ही फास्टिंग या व्रत रखना भी आजकल एक ट्रेंड बन गया है। फास्टिंग भी कई तरीके की हो सकती है। आज हम आपको वाटर फास्टिंग (Water Fasting) के बारे में बताएंगे। क्या आपको वाटर फास्टिंग करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए। आखिर वाटर फास्टिंग कैसे की जाती है और इसके फायदे एवं नुकसान क्या है।
वाटर फास्टिंग (Water Fasting) वजन कम करने में कारगर है। हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल में भी यह कारगर है। कोरोना काल में वाटर फास्टिंग का प्रचलन बढ़ा है। कुछ चिकित्सक इस व्रत के हक में हैं तो कुछ इसे न करने की सलाह देते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि इसे करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
वाटर फास्टिंग (Water Fasting) में आपको सभी खाद्य और पेय पदार्थों से दूरी बनानी होती है। इस फास्ट के दौरान आप सिर्फ वाटर पानी पी सकते हैं। वहीं एक्सपटर्स का मानना है कि यह फास्ट 24 से 72 घंटे के बीच किया जा सकता है। वहीं कई एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसा करने से किडनी, हार्ट और डायबिटीज रोग का खतरा बढ़ जाता है। वाटर फास्ट से आप मोटापा भी कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको 24 से 72 घंटे तक सिर्फ पानी का ही सेवन करना है। पानी में हाइड्रेशन कॉम्पोनेंट होते हैं। जिससे वजन काफी तेजी से कम होता है। ज्यादा बार ऐसा करने से आपके शरीर को नुकसान भी हो सकता है।
हार्ट डिजिज का खतरा होगा कम: वाटर फास्ट दिल की बीमारी के इलाज में कारगर है। इसकी मदद से आपका शरीर इंफेक्शन से दूर रहेगा। यह हार्ट को सही तरह से फंक्शन करने में मदद करता है।
कैंसर और कोलेस्ट्रॉल होगा दूर: जी हां वाटर फास्टिंग से कैंसर का खतरा भी कम होता है। क्योंकि यह शरीर में कैंसर के सेल्स के पनपने की गति को कम करता है। कैंसर के इलाज में इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। वहीं जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं कि वाटर फास्टिंग से दिल स्वस्थ रहता है तो यह कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण में रखता है।
इस बात का रखें विशेष ध्यान: वैसे तो वाटर फास्ट एक घरेलू नुस्खा है लेकिन इसे एक्सपर्ट की सलाह के बिना नहीं किया जाना चाहिए। वाटर फास्टिंग से पहले 2-3 दिन तक अच्छी डाइट लें। डाइट में फाइबर और प्रोटीन से भरपूर भोजन लें। इससे आपको वाटर फास्ट में मदद मिलेगी और आप ज्यादा थकान-कमजोरी महसूस नहीं करेंगे। अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भयावह हो सकता है।
अगर आप बिना एक्सपटर्स की सलाह और अधूरी जानकारी के साथ वाटर फास्टिंग कर रहे हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। वाटर फास्टिंग से इलेक्ट्रोलाइट लेवल और सोडियम में कमी आ सकती है। इससे अचानक ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
शुगर हो सकती है लो
ज्यादा लंबे समय तक खाली पेट रहने से आपकी शुगर में गिरावट आ सकती है। इससे आपको बेचैनी, घबराहट, मित्तली की परेशानी हो सकती है। इसलिए अपने शरीर को वाटर फास्टिंग के दौरान ज्यादा कष्ट न दें।
वाटर फास्टिंग से डिहाइड्रेशन और हाइपोनेट्रेमिया का खतरा बढ़ सकता है। इसे कम समय के लिए ही करें। हो सके तो इस दौरान वर्कआउट न करें।
यह लोग न करें वाटर फास्टिंग
1. 18 साल से कम और 70 साल से ज्यादा के लोग तो यह भूलकर न करें। इससे उनके शरीर में कमजोरी बढ़ सकती है।
2. जिनका अपनी हाइट के हिसाब से वजन कम है और जिन्हें कमजोरी या थकान की शिकायत रहती है वह इसे अनदेखा करें।
3. गर्भवती महिलाओं को तो वाटर फास्ट कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि उन्हें बच्चे के पोषण के लिए समय पर भोजन ग्रहण करना आवश्यक है। वहीं जब तक आप बच्चे को स्तनपान करवा रही हैं यह फास्टिंग कतई न करें।
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